डीएनए हिंदीः मंदिर (Hindu Temple) में भगवान की पूजा-अर्चना और उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त चढ़ावे में फल, फूल और मिठाईयां चढ़ाते हैं. भक्त भगवान को इन चीजों को अर्पित कर और भोग लगा प्रसन्न करते हैं. ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और उनके कष्टों को दूर करते हैं. भगवान को फल-फूल चढ़ाने की परंपरा तो सदियों से चली आ रही है लेकिन भारत के उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मंदिर (Hindu Temple) मौजूद है जहां पर भगवान भोग लगाने से नहीं बल्कि घड़ी (Ghadi Wale Baba) चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं. इस मंदिर (Hindu Temple) में घड़ी चढ़ाने की यह परंपरा सिर्फ स्थानीय लोगों में ही नहीं बल्कि दूर-दूर तक प्रसिद्ध है. घड़ी चढ़ाने की परंपरा की वजह से इस मंदिर को घड़ी बाबा मंदिर (Ghadi Wale Baba) के नाम से जानते हैं.
घड़ी चढ़ाने की परंपरा है 30 साल पुरानी (Ghadi Wale Baba)
घड़ी बाबा का यह मंदिर उत्तर प्रदेश के जौनपुर में स्थित हैं. इस मंदिर का नाम ब्रह्म बाबा मंदिर हैं घड़ी चढ़ाने की अनोखी परंपरा की वजह से ही इसे घड़ी बाबा मंदिर के नाम से जानते हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार, मंदिर में घड़ी चढ़ाने की परंपरा करीब 30 साल से चली आ रही है. लोग मन्नत मांगते हैं और मन्नत पूरी होने के बाद मंदिर में घड़ी चढ़ाते हैं. बता दें, जौनपुर में स्थित यह मंदिर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर है. यह मंदिर मडि़याहूं तहसील के जगरनाथपुर गांव में है. यहां पर सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि दूर-दूर से भी लोग मन्नत मांगने और घड़ी चढ़ाने आते हैं.
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ऐसे में ब्रह्म बाबा मंदिर में घड़ी चढ़ाने की शुरुआत
स्थानीय लोगों के अनुसार, ब्रह्म बाबा के इस मंदिर में एक व्यक्ति अपने ट्र्क चलाने की इच्छा लेकर आया था. उसने ड्राइवर बनने की मन्नत मांगी थी. अपनी इच्छा पुरी होने पर उसने इस मंदिर में घड़ी चढ़ाई थी. ट्रक ड्राइवर की इस शुरुआत के बाद भक्तों ने मन्नत पूरी होने पर मंदिर में घड़ी चढ़ाने की परंपरा शुरू कर दी.
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इस मंदिर में घड़ी चढ़ाने से मन्नत होती है पूरी, जानें क्या है इस अनोखी परंपरा के पीछे की कहानी