डीएनए हिंदी: (Guruwar Ke Upay) नौ ग्रहों की स्थिति व्यक्ति के भाग्य को बनाती और बिगाड़ती है. ग्रहों के अच्छी स्थिति होने पर व्यक्ति को कई बार मेहनत से दोगुना फल प्राप्त होता है. वहीं कुंडली में ग्रह दोष या फिर ग्रह के कमजोर होने पर दिन रात मेहनत करने पर भी मन मुताबिक फल नहीं मिल पाता. इन्हीं में गुरु बृहस्पति भी एक ग्रह हैं, जिनके कुंडली में कमजोर स्थिति में होने व्यक्ति के सुख सौभाग्य खत्म हो जाता है. जीवन में कष्ट और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में गुरुवार के दिन पूजन और कुछ उपाय करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है. इस ग्रह के मजबूत होने पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. व्यक्ति को जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. वह सुख भोगने के साथ ही जीवन में ऊंचा मुकाम हासिल करता है.
गुरु ग्रह के मजबूत होने पर व्यक्ति की आय और सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होती है. इसके विपरीत जिस जातक की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर होता है. उसकी आर्थिक स्थिति खराब रहती है. ऐसे में अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है तो आप गुरुवार के दिन विधिपूर्वक भगवान श्रीहरि विष्णु के पूजन के साथ-साथ गुरु स्तोत्र का पाठ जरूर करें. आइए जानते हैं वो उपाय, जिन्हें करने मात्र से कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत हो जाएगा.
इन उपायों को करने से कुंडली में मजबूत स्थिति में आ जाएगा गुरु ग्रह
-अगर आपकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर स्थिति में हैं या फिर गुरु दोष लग रहा है तो गुरुवार के दिन पीली चीजों का दान करें. इस दिन बेसन, केले, चने की दाल, केसर आदि का दान करें. इस दिन किसी गरीब को पीले वस्त्र भी दान कर सकते हैं. इससे गुरु भगवान प्रसन्नत होते हैं.
-कुंडली में गुरु को मजबूत करने के लिए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के साथ ही महादेव की पूजा करें. इस दिन भगवान की पूजा अर्चना के बाद बेसन के लड्डू का भोग लगाएं या फिर चने की दाल और गुड़ का भी भोलग लगा सकते हैं. हर गुरुवार को ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं. सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.
-अगर आपके काम में बाधाएं उत्पन्न हो रही है. विवाह नहीं हो पा रहा है तो गुरुवार के दिन विवाहित महिलाओं को पीली चूडियां भेट करें. इसके अलावा अविवाहित लड़कियों को पीले वस्त्र दान करने से सभी समस्याएं दूर होती है. गुरु ग्रह के मजबूत होने के साथ ही दोष दूर हो जाते हैं. व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है.
गुरुवार के दिन गुरु कवच का जाप करें.
अभीष्टफलदं देवं सर्वज्ञम् सुर पूजितम् .
अक्षमालाधरं शांतं प्रणमामि बृहस्पतिम्.
बृहस्पतिः शिरः पातु ललाटं पातु मे गुरुः .
कर्णौ सुरगुरुः पातु नेत्रे मे अभीष्ठदायकः..
जिह्वां पातु सुराचार्यो नासां मे वेदपारगः .
मुखं मे पातु सर्वज्ञो कंठं मे देवतागुरुः ..
भुजावांगिरसः पातु करौ पातु शुभप्रदः .
स्तनौ मे पातु वागीशः कुक्षिं मे शुभलक्षणः ..
नाभिं केवगुरुः पातु मध्यं पातु सुखप्रदः .
कटिं पातु जगवंद्य ऊरू मे पातु वाक्पतिः ..
जानुजंघे सुराचार्यो पादौ विश्वात्मकस्तथा .
अन्यानि यानि चांगानि रक्षेन्मे सर्वतो गुरुः.
इत्येतत्कवचं दिव्यं त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः .
सर्वान्कामानवाप्नोति सर्वत्र विजयी भवेत् ..
गुरु स्तोत्र
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः.
गुरुस्साक्षात्परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ..
अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया.
चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः..
अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरं.
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः ..
अनेकजन्मसंप्राप्तकर्मबन्धविदाहिने .
आत्मज्ञानप्रदानेन तस्मै श्री गुरवे नमः ..
मन्नाथः श्रीजगन्नाथो मद्गुरुः श्रीजगद्गुरुः.
ममात्मासर्वभूतात्मा तस्मै श्री गुरवे नमः ..
बर्ह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिम्,
द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादिलक्ष्यम्.
एकं नित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षिभूतं,
भावातीतं त्रिगुणरहितं सद्गुरुं तं नमामि ..
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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कुंडली में कमजोर स्थिति में हैं गुरु तो कर लें ये उपाय, नष्ट हो जाएंगे कष्ट, मिलेगी सफलता और शोहरत