डीएनए हिंदी: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और स्वाति नक्षत्र में दोपहर के समय भगवान गणपति का जन्म हुआ था. उनके जन्म के उपलक्ष्य में ही हर साल दस दिन का उत्सव आयोजन होता है. घर और पंडालों में गणपति की स्थापना की जाती है. खास बात ये है इस बार खास संयोग इस दिन को और खास बना रहा है. इस बार चतुर्थी तिथि 30 की रात से लग जाएगी लेकिन गणपति पूजा सूर्योदय के साथ अगले दिन यानी 31 अगस्त को होगी.
बता दें कि बुध ग्रह अगले महीने यानी 10 सितंबर 2022 दिन शनिवार को वक्री होने जा रहे हैं. बुध ग्रह कन्या राशि में वक्री होने वाले हैं. इस ग्रह की खासियत है कि यह 24 दिन पर अपनी स्थिति बदलते रहते हैं. आपको बता दें कि कन्या राशि बुध के स्वामित्व वाली है. इसलिए इस राशि में बुध का वक्री होना बहुत लाभकारी होने वाला है. तो चलिए जानते हैं इससे किस राशि के जातकों को क्या फायदा होने वाला है.
यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2022: जानिए 30 या 31 कब है गणेश चतुर्थी? जानें सही डेट, ये है मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी पर जानें कैसी होगी ग्रहों की स्थिति
इस बार गणेश चतुर्थी चित्रा नक्षत्र में शुरू हो रही है. बुध गणेश चतुर्थी के आखिरी दिन अपनी स्वराशि यानी कन्या में विराजमान रहेंगे. बता दें कि बुध की उच्च राशि कन्या है. वहीं, सूर्य, शनि और गुरु भी अपनी राशियों में पहले से विराजमान हैं. ऐसे में ग्रहों की स्थिति बेहद मजबूत और शुभ फल देने वाली है. सूर्य की स्वयं की राशि सिंह हैं, शनि की स्वराशि कुंभ और मकर है जबकि गुरु की स्वयं की राशि मीन है. गणेश चतुर्थी पर बुध के भी अपनी राशि में आने से ये गणेश उत्सव के आखिरी दिन धनिष्ठा नक्षत्र का योग बन रहा है. चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल ग्रह हैं.
गणेश पूजा विधि
प्रथम पूज्य गणपति जी की पूजा का आह्वान ऊं गं गणपतये नम: मंत्र के साथ शुरू होती है. गणपति जी को सर्वप्रथम एक चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछा दें. उसके बाद गंगा जल का छिड़काव करें और और प्रतिमा की स्थापना करें. सर्वप्रथम भगवान के चरणों में पुष्प अर्पित करें और दूर्वा उनके सिर या हाथ पर रखें. इसके बाद बारी-बारी से हल्दी, चावल, चंदन, गुलाल,सिंदूर,मौली, जनेऊ, मिठाई, मोदक, फल, माला अर्पित करें.
याद रखें कि गणपति जी के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा भी जरूर करें. पूजा में धूप-दीप से प्रभु की आरती करें. आरती के बाद 21 लड्डओं का भोग लगाएं जिसमें से 5 लड्डू भगवान गणेश की मूर्ति के पास रखें और बाकी को ब्राह्राणों और आम जन को प्रसाद के रूप में वितरित कर दें. अंत में ब्राह्राणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद लें.
यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturth 2022: गणपति जी को किस मंत्र के साथ कितनी दूर्वा करनी चाहिए अर्पित, जानें पूरी विधि
गणेश मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ.
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा.
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं.
विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्.
गजाननाय पूर्णाय साङ्ख्यरूपमयाय ते .
विदेहेन च सर्वत्र संस्थिताय नमो नमः .
बुध के वक्री होने का इन राशियों को मिलेगा फायदा
- बुध का कन्या राशि में गोचर मिथुन राशि वालों के लिए फायदेमंद होने वाला है. कार्यस्थल पर आपके कामों का प्रशंसा होगी. उच्च अधिकारी प्रसन्न होंगे. इस दौरान की गई मेहनत सफल होगी.
- सिंह राशि वालों के लिए आर्थिक फायदा मिलने वाला है. कार्यस्थल पर समय अच्छा व्यतीत होगा. अधिकारियों के साथ मधुर संबंध बने रहेंगे. किसी पुरानी बीमारी छुटकारा मिलेगा.
- मिथुन राशि के जातकों के लिए भी 24 दिन बहुत अच्छा होने वाला है. संतान से खुशियां मिलने वाली हैं. परिवार के साथ सुखद सम व्यतीत होगा. वहीं जो लोग नौकरी बदलने की सोच रहे हैं उन्हें अच्छा अवसर प्राप्त होगा.
- कर्क राशि के जातकों के जीवन में बुध राशि सुखद समाचार लाने वाला है. परिवारिक सुख शांति बनी रहेगी. संतान पक्ष से अच्छा समाचार मिलेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इं स्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी पर ऐसे बन रहे हैं ग्रहों के योग, जानिए आपके लिए कितना लाभदायक रहेगा