Ekdant Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है. इस बार ज्येष्ठ महीने का संकष्टी चतुर्थी आज 16 मई को है. ज्येष्ठ महीने का संकष्टी चतुर्थी व्रत एकदंत चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. आप आज एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना करें. आप व्रत और पूजा करने के साथ ही पूजा सम्पन्न होने के बाद गणेश जी की आरती भी करें.
गणेश जी की आरती (Ganesh Ji ki Aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवाय।।
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
गणेश जी पूजा विधि (Ganesh Ji Puja Vidhi)
गणेश जी की संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने के लिए सबसे पहले स्नान आदि कर लें इसके बाद व्रत का संकल्प लें. पूजा स्थान को साफ करें इसके बाद भगवान का अभिषेक करें. चंदन, हल्दी और कुमकुम लगाकर श्रृंगार करें. भगवान गणेश जी को दूर्वा घास, मोदक और लाल फूल अर्पित करें. पूजा विधि पूरी होने के बाद भगवान गणेश जी की आरती करें और इसके बाद प्रसाद वितरित करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है, जो लोक कथाओं और मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टी नहीं करता है)
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments

गणेश जी की आरती
एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत-पूजन के बाद जरूर करें गणेश जी की आरती, हर विघ्न दूर करेंगे विघ्नहर्ता