डीएनए हिंदी: Dilwara Temple in Mount Abu- माउंट आबू के अरावली पर्वतों के बीच जैनियों का मंदिर दिलवाड़ा स्थित है. भारत की प्राचीन कला को देखने के लिए इस मंदिर जरूर जाना चाहिए. राजस्थान के सिरोही जिले में माउंट आबू के पास स्थित इस मंदिर में फोटो नहीं खींच सकते, इसलिए लोगों को इसकी खासियत का ज्यादा अंदाजा नहीं है. चलिए आज हम आपको इससे रू-ब-रू कराते हैं. 

इस मन्दिर की खूबसूरती के सामने ताजमहल की खूबसूरती भी फीकी पड़ती है. ताजमहल का निर्माण तो 16वीं शताब्दी में हुआ था. जबकि दिलवाड़ा मन्दिर का निर्माण 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच हुआ था. दिलवाड़ा मन्दिर भी संगमरमर का बना हुआ है और जो लाजवाब कलाकारी और अत्यंत सुंदर मूर्तिया यहां है, उसके सामने ताजमहल कुछ नहीं है. 

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इतिहास (Temple History) 

सोलंकी राजा भीमदेव ने चन्द्रावती रियासत में भड़के विद्रोह को काबू करने के लिए अपने महामंत्री विमलशाह को भेजा था. विद्रोह शांत करने में हुए रक्तपात से विमलशाह को बहुत ग्लानि का अनुभव हुआ. उसके बाद उन्होंने एक जैन साधक से इस पाप से मुक्ति और पश्चाताप का उपाय पूछा तो जैन साधक ने कहा – पाप से पूर्णतया मुक्ति तो आसान नहीं, परन्तु मंदिर बनवाने से तुम कुछ पुण्य अवश्य अर्जित कर सकते हो. इसी प्रेरणा से विमलशाह ने मंदिर निर्माण प्रारंभ किया.

निर्माण कला देख खुली रह जाएंगी आंखें 

मंदिर की छत,द्वार, स्तंभ और पैनल में बहुत ही बारीकी से साथ नक्काशीदार सजावट की गई है, जो इसकी वास्तुकला की अद्वितीयता को बताते हैं. इस मंदिर की सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि उस ज़माने में 1200 मीटर की ऊंचाई पर संगमरमर के इतने बड़े ब्लॉकों को ले जाने की कोई सुविधा नहीं थी. तब हाथियों का इस्तेमाल करके उनकी पीठ पर अम्बाजी से माउंट आबू तक संगमरमर ले जाने का काम किया जाता था

दिलवाड़ा मंदिरों में एक ही आकार के पांच मंदिर शामिल हैं और ये सभी एकल मंजिला हैं. सभी मंदिरों में कुल 48 स्तंभ हैं जिनमें विभिन्न नृत्य मुद्राओं में महिलाओं की सुंदर आकृतियां हैं. मंदिर का मुख्य आकर्षण ‘रंगा मंडप’ है जो गुंबद के आकार की छत है. इसकी छत के बीच में एक झूमर जैसा ढांचा है और पत्थर से बनी विद्यादेवी की सोलह मूर्तियां हैं, जो ज्ञान की देवी हैं, नक्काशी के अन्य डिजाइनों में कमल, देवता और अमूर्त पैटर्न शामिल हैं

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खुलने और दर्शन का समय (Visiting Time)

जैन मंदिर जैन भक्तों सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है और अन्य धर्म के लोगों के लिए यह दोपहर 12 से शाम 6 बजे तक खुला रहता है.  यहां जाने से पहले इस बात का जरुर ध्यान रखे कि इस मंदिर में किसी भी पर्यटक और तीर्थ यात्री को मंदिर परिसर में फोटो खींचने की अनुमति नहीं है

इसके आस-पास क्या है (Visiting Places)

जब आप इस मंदिर के दर्शन के लिए जाएं तो सिर्फ वहीं न जाएं, बल्कि माउंट आबू एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है. वहां अंबाजी की मंदिर, ब्रह्माकुमारीज का आश्रम, जहां आध्यात्मिकता का भंडार है, नक्की झील, गुरु शिखर, गौमुख मंदिर इनके दर्शन जरूर करें 

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माउंट आबू में अरावली पर्वतों के बीच बना दिलवाड़ा मंदिर, ताजमहल से भी खूबसूरत
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Dilwara Mandir: माउंट आबू में अरावली पर्वतों के बीच बना दिलवाड़ा मंदिर, ताजमहल से भी खूबसूरत है