डीएनए हिंदी: लोग धर्म कर्म (Dharma Karma) के नाम पर बड़े-बड़े भंडारों का प्रबंध करते हैं. भंडारे (Bhandara) में हजारों लोग एक साथ भोजन व प्रसाद ग्रहण करते हैं. हालांकि लोगों के मन में कई बार सवाल आता है कि भंडारे में करना सही होता है या नहीं होता है. दरअसल, भंडारे (Bhandara) में भोजन को भगवान का प्रसाद माना जाता है ऐसे में इसे खाने से कोई परेशानी नहीं होती है. लेकिन कई लोग इन भंडारों का आयोजन (Bhandara) गरीबों के लिए मानते हैं तो वह यहां भोजन ग्रहण करने को मना करते हैं. आज हम जानते हैं कि भंडारों का आयोजन (Bhandara) क्यों किया जाता है और क्या यहां पर भोजन ग्रहण करना चाहिए.
गरीब असहाय के लिए होता है भंडारे का आयोजन
अमीर लोग पुण्य कमाने और अपने धन भंडार भरे रखने के लिए गरीबों और असहाय को भोजन कराने के लिए भंडारे का आयोजन करते हैं. धार्मिक स्थलों पर इसलिए भंडारे किए जाते हैं. भंडारे उन लोगों के लिए होते हैं जो भोजन करने में असक्षम हैं. ऐसे में आप सक्षम होकर भी यहां भोजन करते हैं तो आप किसी गरीब के हिस्से का भोजन खा लेते हैं. इससे आपको पाप का भागीदार होना पड़ सकता है.
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भंडारे में भोजन करने पर जरूर करें ये काम
यदि आप भंडारे में भोजन ग्रहण करते हैं तो आपको अपनी क्षमता के अनुसार, भंडारे में सहयोग करना चाहिए. आप भंडारे में सेवा भी कर सकते हैं. सेवा करने से आपको पाप भी नहीं लगेगा और आपको भी गरीबों को भोजन कराने का पुण्य लगेगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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भंडारे का खाना खाने से बन सकते हैं पाप के भागीदार, जानें क्यों नहीं खाना चाहिए भंडारा