डीएनए हिंदीः आपके हमउम्र लोगों की शादी हो गई लेकिन आपके लिए रिश्ते क्यों नहीं आ रहे? या कुंडली में शादी का योग है भी या नहीं? ऐसे सवाल आपके मन भी उठ रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. कई बार ऐसा होता है कि शादी की उम्र बीतने लगती हैं लेकिन या तो रिश्ते नहीं आते या आते हैं तो बात नहीं बनती. इसके पीछे आप में नहीं, बल्कि आपके ग्रहों का दोष होता है.
इस खबर में बहुत उम्र शादी की निकल चुकी है और शादी होगी या नहीं या कुछ उपाय करने से शादी की बात बन सकती हैं, इन सब सवालों का जवाब देंगे. साथ ही जान लें कि शादी न होने देने के लिए कौन से ग्रह कारण बनते हैं और किन उपायों से शादी के लिए ग्रहों को मजबूर किया जा सकता है. चलिए ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार से इस गूढ़ विषय के बारे में जानें.
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ये ग्रह शादी न होने के लिए होते हैं जिम्मेदार
शनि मंगल राहु केतु शादी न होने देने के लिए जिम्मेदार होते हैं. कुंडली के 7वे भाव का स्वामी और 7 वां भाव कमजोर हो या सातवां भाव पर शनि, राहु, केतु या शनि और मंगल से बहुत ज्यादा पीड़ित है तो विवाह में बांधाएं आती हैं या विवाह नहीं हो पाता है.
पुरूषों और महिलाओं के ये ग्रह हों कमजोर तो विवाह में आती है बाधा
पुरूषों की कुंडली में अगर शुक्र और महिलाओं की कुंडली गुरु कमजोर हो तो उनके विवाह में बाधा तय है. ऐसी स्थिति होने अगर दोनों की कुंडली के 7 वें भाव के भाव स्वामी का गुरु-शुक्र या चन्द्र से अच्छा संयोग हो तो विवान के संजोग बनते हैं. इस दशा में शादी भले ही देर हो लेकिन हो ही जाएगी. लेकिन अगर कुडली के सातवें भाव में मौजूद ग्रह से शनि मंगल या शनि राहु -केतु संबध है सही नहीं तो शादी होना मुश्किल है.
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कुछ उदाहरण से समझें कि शादी कब तक होगी
लग्न 1
वृष लग्न 7वे भाव स्वामी मंगल है राहु केतु और 7वा भाव शनि से पीड़ित है तब शादी बहुत देर से ही होगी और शादी भी यहां तब होगी अगर 7वे भाव या 7वे भाव स्वामी मंगल से कही न कही गुरु या शुक्र, चन्द्र या कुंडली के अच्छे भाव स्वामियों के सम्बन्ध होगा. तब शादी होगी देर से होगी उपाय करने से हो जाएगी.
लग्न 2
मकर लग्न में 7वे भाव स्वामी चन्द्र-शनि, मंगल से सम्बन्ध बनाकर बैठे है. शुक्र और गुरु कुंडली मे थोड़ा कमजोर है तब शादी की उम्र निकलती जाएगी. यहां देर से ही शादी होगी. शादी भी तब होगी देर से जब 7वे भाव से या चन्द्र से गुरु या शुक्र का संबध होगा तब देर से 7वें भाव स्वामी या 7वें भाव संबधि दशा आने पर शादी होगी, उपाय करने से जल्दी शादी होने के रास्ते बन जाएंगे.
लग्न 3
मीन लग्न में 7वे भाव स्वामी बुध 8वे या 6वे भाव मे जाकर शनि राहु से संबध में है. तब शादी यहां 35-40 की उम्र हो पाएगी. जल्दी शादी ऐसी स्थिति में उपाय करने से ही हो पाएगी.
शीघ्र विवाह के उपाय
गुरू को विवाह का प्रमुख कारक माना गया है, कुण्डली में इनकी शुभता द्वारा आपको दांपत्य जीवन का सुख प्राप्त होता है, अत: गुरू से संबंधित उपाय बेहद शुभ माने जाते हैं, गुरू की शुभता हेतु आपको चाहिए कि, गुरूवार के दिन व्रत करें, पीला वस्त्र धारण करें तथा मंदिर में हल्दी का दान करें.
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कन्याओं के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो
कन्याएं सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना कर 5 नारियल लेकर भगवान शिव के मूर्ति के आगे रखकर ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः मंत्र की पांच माला का जप करें, और सभी नारियल मंदिर में चढ़ा दें. यदि आपकी जन्म पत्रिका में शनि के कारण विवाह में बाधा या विवाह की बात नहीं बन रही है तो शनिवार को शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करें !
शनिवार के दिन साबुत उड़द, लोहा, काला तिल और साबुन काले कपड़े में बांधकर दान करें. ऐसा करने से शनि ग्रह से आ रही बाधा दूर होती है और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.
परूष के विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो
जिन जातकों के विवाह में विलम्ब हो रहा है या जिनकी शादी में रुकावटें आ रही हो, उनको पारद शिवलिंग की पूजा जरुर करनी चाहिए. शिवलिंग भगवान शिव और मां पार्वती का अवतार यानि एकल रूप है. शिवलिंग के इस स्वरूप को अत्यंत शुभ माना जाता है. पारद शिवलिंग की पूजा करने से व्यक्ति के विवाह में आने वाली बाधाएं शीघ्र ही समाप्त हो जाती हैं.
लड़का-लड़की दोनों करें ये उपाय
- विवाह में यदि देरी हो रही हो तो ‘गौरी शंकर की पूजा’ नियमित रूप से करनी चाहिए साथ ही मां गौरी को श्रंगार की वस्तुएं भेंट करें.
- मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए और हनुमान जी को सिन्दूर व चोला चढ़ाएं.
- 21 दिन तक संकल्प लेकर ‘दुर्गासप्तशती’ के ‘अर्गलास्तोत्रम्’ का पाठ करें व साथ ही कन्याएं मां कात्यायनी देवी की पूजा करें.
- हर बृहस्पतिवार को आटे की लोई में थोड़ी सी हल्दी गुड़ चना रखकर गौमाता को खिलाएं !
- नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें !
- अपने माथे नाभि पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाएं !
- पीपल की जड़ में एक मुट्ठी चने की दाल और मीठा जल बृहस्पतिवार को चढ़ाएं और शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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