डीएनए हिंदीः उत्तर भारत का लोकप्रिय पर्व छठ 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2022 तक मनाया जाएगा (Chhath Puja 2022). छठ पूजा पूरे 4 दिनों तक चलता है, जो कि हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन खासतौर पर सूर्य देव और छठी मैय्या की पूजा की जाती है.
लोग इस दिन व्रत रखते हैं जो कि बेहद कठिन और अत्यंत फलदायी माना जाता है. नहाय-खाय से इस पर्व की शुरूआत होती है. इसके बाद दूसरे दिन खरना विधि और फिर अर्घ्य देकर व्रत की समाप्ति की जाती है. छठ पूजा में व्रत के लिए कुछ चीजें बेहद जरूरी होती हैं, जिनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है (Chhath Puja samagri).
ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं छठ पूजा की सामग्रियों की लिस्ट. नोट कर लें और छठ पूजा से पहले पहले इन चीजों को जरूर इकट्ठा कर लें.
छठ पूजा सामग्री
1 - प्रसाद के लिए बांस की दो टोकरी
2 - बांस से बने 3 सूप
3 - जल रखने के लिए एक ग्लास
4 - लोटा
5 - थाली
6 - दूध
7 - नया वस्त्र
8 - चावल
9 - लाल सिंदूर
10- धूप
11 - दीपक
12- पानी वाला नारियल
13- पत्ते दार गन्ना
14- सुथनी
15- शकरकंदी
16- हल्दी और अदरक का पौधा
17- नाशपाती
18- बड़ा वाला नींबू
19- शहद
20- साबुत सुपारी
21- कैराव
22- कपूर
23- कुमकुम
24- चंदन
25 - मिठाई
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पूजा की विशेष सामग्री के लिए पहले से लिस्ट तैयार करना बेहद जरूरी होता है. ऐसे में इन जरूरी चीजों को आप जितनी जल्दी हो सके अरेंज कर लें. अगर आप पहली बार या अकेले व्रत करने वाले हैं और सामग्रियों को जुटाने को लेकर परेशान हैं तो यहां बताए गए छठ पर्व की सामग्रियों की लिस्ट को ध्यान से देख लें और पूजा से पहले पहले इन चीजों को इकट्ठा कर लें.
4 दिनों तक चलती है पूजा
नहाय-खाय से इस पर्व की शुरुआत होगी जिसके बाद दूसरे दिन खरना विधि, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन ऊषा अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा. चार दिनों
तक चलने वाले इस पर्व में साधक सूर्य देव की उपासना करते हैं, इस पूजा में लोग कई सारे रीति-रिवाज भी निभाते हैं.
नहाय-खाय
छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय में भक्त गंगा, या किसी पवित्र नदी में स्नान कर खाना तैयार करते हैं, जिसमें लौकी भात और चने की दाल बनाई जाती है. जिसे खासतौर पर मिट्टी के चूल्हे पर पकाया जाता है. यह खाकर लोग व्रत के लिए खुद को तैयार करते हैं.
खरना
दूसरे दिन व्रत रखा जाता है और शाम को सूर्य अस्त होने के बाद खीर और रोटी का सेवन किया जाता है. खीर और रोटी का सेवन खासतौर से इसी व्रत के अंतर्गत आता है.
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संध्या अर्घ्य
तीसरे दिन घर पर प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसमें अनेक सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है. प्रसाद तैयार होने के बाद सूर्य देव को दिखाया जाता है. इस दौरान खासतौर पर महिलाएं साड़ियां पहनती हैं और शाम के समय छठी मैय्या के गीत और भजन गाती हैं.
ऊषा अर्घ्य
छठ पूजा के चौथे दिन भक्त सूर्य उगने से पहले गंगा या नदी की घाटों पर पहुंचकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. साथ ही इस दिन महिलाएं 36 घंटे के इस कठिन व्रत का पारण करती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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छठ पूजा से पहले जुटा लें ये 25 चीजें, यहां देखें पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट