डीएनए हिंदी: हिंदू धार्मिक ग्रथों की मान्यताओं के अनुसार, चार धाम (Char Dham Yatra) की यात्रा को शुभ माना जाता है. चार धाम की यात्रा (Char Dham Yatra) करने से व्यक्ति को दुखों से मुक्ति मिलती है और उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) में बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की तीर्थयात्रा की जाती है. इस साल चार धाम की यात्रा (Char Dham Yatra 2023) में भक्तों की सुविधाओं के लिए टोकन व्यवस्था (Token System In Char Dham Yatra) शुरू की गई है. अब सभी भक्त बिना लंबी कतारों में लगे ही आराम से दर्शन कर सकेंगे.
चार धाम की यात्रा (Char Dham Yatra 2023) में यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा 22 अप्रैल 2023 को शुरू होगी इसके बाद 27 अप्रैल 2023 से बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल जाएंगे. चार धाम की यात्रा (Char Dham Yatra 2023) में आपको इन सभी मंदिरों की यात्रा करनी चाहिए. इसके बिना आपकी यात्रा अधूरी रह जाएगी. चार धाम की यात्रा से कई पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. इन सभी जगहों के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं तो चलिए इन बातों के बारे में जानते हैं.
केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham)
केदारनाथ धाम शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक हैं. पौराणिक मान्यताओं की माने तो ऐसा कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध के बाद पांडव अपने भाइयों की हत्या के बाद केदारनाथ ही आए थे.
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बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham)
बद्रीनाथ धाम श्रीहरि विष्णु भगवान का निवास स्थान है. बद्रीनाथ धाम के बारे में एक कथा प्रचलित है कि "जो जाए बद्री, वो ना आए ओदरी" इसका अर्थ है कि जो एक बार बद्रीनाथ जाता है उसे फिर से जन्म नहीे लेना पड़ता है. बद्रीनाथ के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
गंगोत्री धाम (Gangotri Dham)
गंगोत्री धाम से दो नदियों का उदगम होता है. यहीं से गंगा नदी का उदगम भी होता है. यहां गोमुख से भागीरथी और दूसरी केदार गंगा निकलती है. इन दोनों का उदगम स्थान केदारतल है. गंगोत्री में एक गंगा कुंड स्थित है ऐसा कहा जाता है कि यहां पर गंगा स्वयं भगवान शिव की परिक्रमा लगाती है.
यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यमनोत्री में स्नान करने से सातों पीढ़ियों का उद्धार हो जाता है. ब्रह्मांड पुराण के अनुसार, यहीं से यमुना नदी की शुरूआत होती है. चार धाम की यात्रा में यमनोत्री धाम के दर्शन करने जरूरी होते हैं. यमनोत्री धाम से ही चार धाम की यात्रा की शुरूआत की जाती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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केदारनाथ की यात्रा नहीं मानी जाएगी पूरी अगर इस मंदिर में नहीं टेका माथा