संत कबीर का प्रसिद्ध दोहा, 'गुरु, गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय, बलिहारी गुरु आपने, जिन गोविंद दियो बताय', आपने जरूर सुना होगा, जो बताता है कि भगवान और गुरु सामने खड़े हों तो सबसे पहले गुरु को ही प्रणाम करना चाहिए, क्योंकि भगवान के बारे में ज्ञान गुरु ने ही देता है. इस दोहे से आप समझ सकते हैं कि हिंदू समाज में गुरु का महत्व कितना है.
आषाढ़ माह की पूर्णिमा भी गुरु को समर्पित है और ये 21 जुलाई को है. गुरु पूर्णिमा, गुरुओं के प्रति कृतज्ञता, सम्मान, आस्था और भक्ति व्यक्त करने का दिन है. इस संसार में जो व्यक्ति हमें सही रास्ते पर ले जाता है वह गुरु है. अच्छे गुरु की मदद से हर किसी की राह आसान हो जाती है और सही रास्ते पर चलने से सफलता मिलती है. इसलिए गुरुओं को समर्पित हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है.
गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है. गुरु पूर्णिमा पर विशेष गुरु मंत्रों का जाप किया जाता है. इससे गुरु की कृपा आप पर सदैव बनी रहती है. संकट के समय गुरु हमेशा आपकी मदद करते हैं.
गुरु पूर्णिमा पर इन गुरु मंत्रों का जाप जरूर करें
गुरु ब्रह्मा है, गुरु विष्णु है, गुरु भगवान है और गुरु महेश्वर है.
आध्यात्मिक गुरु प्रत्यक्ष रूप से सर्वोच्च ब्रह्म हैं. मैं उस धन्य आध्यात्मिक गुरु को अपना प्रणाम अर्पित कर रहा हूं.
ॐ गम गुरुभ्यो नमः.
सर्वोच्च नारायण गुरुओं के लिए ओम.
ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहे तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्.
यदि आप किसी कारणवश गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु से नहीं मिल पाते हैं तो मन ही मन गुरु का स्मरण करें. गुरु मंत्रों का जाप करें.
पुराणों की कई कहानियों से पता चलता है कि गुरु के आशीर्वाद से कुछ भी असंभव संभव है. तो फिर तुम्हें भी गुरु को हृदय से प्रणाम करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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गुरु पूर्णिमा पर जरूर इन मंत्रों का जाप करें, सफलता, खुशहाली और सौभाग्य की होगी प्राप्ति