डीएनए हिंदी: इस बार चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) की शुरुआत 22 मार्च दिन बुधवार से होगी और 30 मार्च दिन गुरुवार की इसका समापन होगा. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना कर देवी दुर्गा की पूजा की जाती है. इतना ही नहीं नवरात्रि के नौ दिनों में कुछ जगहों पर माता के नाम का मेला भी लगाया जाता है. नवरात्रि की अष्टमी व नवमी को कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानते हुए कन्या भोज कराया जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है.

नवरात्रि में कुछ वास्तु नियमों का खास ध्यान (Vastu Tips For Chaitra Navratri) रखना भी बेहद जरूरी माना जाता है, तो आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार माता की मूर्ति और माता का मंदिर कैसे तैयार किया जाता है. 

मूर्ति स्थापना 

वास्तु शास्त्र के अनुसार नवरात्रि में माता की प्रतिमा या कलश की स्थापना हमेशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में ही करनी चाहिए. क्योंकि इस दिशा में देवताओं का वास होता है. इसके अलावा अखंड ज्योति की स्थापना आग्नेय कोण में करनी चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता की मूर्ति ईशान कोण में स्थापित इसलिए करनी चाहिए क्योंकि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में माता का वास बना रहता है.

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मुख्य द्वार 

वास्तु शास्त्र के अनुसार नवरात्रि में मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह लगाना चाहिए, क्योंकि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. इसके अलावा घर के मुख्य द्वार को आम के पत्तों से सजाना चाहिए. ऐसा करने से घर सुंदर भी लगता है और घर में शुभता बनी रहती है. 

चंदन की चौकी 

इसके अलावा माता की मूर्ति को लकड़ी के पाटे पर ही रखें और अगर यह चन्दन की चौकी हो, तो यह और भी अच्छा रहेगा. वास्तु शास्त्र में चंदन शुभ और सकारात्मक उर्जा का केंद्र माना गया है और इससे वास्तु दोषों से छुटकारा मिलता है. 

काला रंग 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ समय में काले रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसे ही नवरात्रि के पूजा पाठ में भी काले रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि काले रंग से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है और काले रंग से मन हर समय विचलित रहता है. 

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इन रंगों का करें प्रयोग 

इसके अलावा नवरात्रि में पीले और लाल रंग का ही इस्तेमाल करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीला रंग जीवन में उत्साह, चमक और प्रसन्नता लाता है और लाल रंग जीवन में उमंग लाता है. इसलिए माता को भी इन्हीं रंगों से सजाना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार इन रंगों का इस्तेमाल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.

कपूर की आरती 

नवरात्रि में शाम होने के बाद कपूर जला कर देवी मां की आरती जरूर करें. ऐसा करने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और घर में देवी लक्ष्‍मी का आगमन होता है. 

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नींबू के सेवन से बचें 

इसके अलावा नवरात्रि के दौरान नींबू के प्रयोग से बचना चाहिए. सिर्फ नींबू ही नहीं नवरात्रि के दौरान घर में खट्टी चीजों का प्रयोग कम करना चाहिए. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है और मन भी अशांत रहता है. 

गोबर का प्रयोग 

नवरात्रि के दौरान घर के आंगन को गोबर से लीपना चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो घर के आंगन में 7 कंडे टांग देने चाहिए. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का आएगी और देवी लक्ष्‍मी का घर में वास होगा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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इस दिशा में भूलकर भी माता की मूर्ति व कलश न करें स्थापित
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इस दिशा में भूलकर भी माता की मूर्ति व कलश न करें स्थापित

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इस दिशा में भूलकर भी माता की मूर्ति व कलश न करें स्थापित, वरना नहीं मिलेगा देवी की पूजा का फल