डीएनए हिंदी: चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) का पावन पर्व चल रहा है. घर-घर माता की चौकी सजी है. भक्त पूरी निष्ठा से मैया की आराधना कर रहे हैं. आज नवरात्रि का तीसरा दिन है. यह मां के तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा को समर्पित है. नवरात्रि के आखिरी दिनों में हवन किया जाता है. मान्यता है कि जो भक्त संकल्प के साथ माता की आराधना करते हैं उन्हें हवन के बाद ही नवरात्रि व्रत का पारण करना चाहिए. हवन में मुख्य रूप से आम की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं.
धर्म शास्त्रों के मुताबिक, वैदिक काल से ही हवन की परंपरा रही है. किसी भी धार्मिक अनुष्ठान के बाद हवन किया जाता है. गृह प्रवेश, शादी-ब्याह से लेकर नवग्रह दोष की शांति तक हर अच्छे काम की शुरुआत हवन के साथ की जाती है. माना जाता है कि हवन करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण शुद्ध होता है.
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हवन में क्यों किया जाता है आम की लकड़ी का इस्तेमाल?
वैज्ञानिक नजरिए से देखें तो आम की लकड़ी से कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) बहुत कम मात्रा में निकलती है. साथ ही यह अत्यंत ज्वलनशील होती है इलसिए कम हवा में भी तुरंत जलने लगती है. एक रिसर्च के अनुसार, जब आम की लकड़ी जलती है तो इसमें से फॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस निकलती है जो कि खतरनाक बैक्टीरिया और जीविणुओं को खत्म कर देती है. इससे वातावरण भी शुद्ध होता है. साथ ही हवन के धुएं से टाइफाइड नामक खतरनाक बीमारी पैदा करने वाले जीवाणु भी मर जाते हैं. इसके अलावा इससे सांस संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Chaitra Navratri 2022: हवन के लिए क्यों इस्तेमाल होती है आम की लकड़ी, क्या है इसकी Science?