डीएनए हिंदीः प्रदोष व्रत जिस दिन पड़ता है उसे उसी नाम से पुकारा जाता है. सोमवार को सोम प्रदोष व्रत, मंगलवार को मंगल प्रदोष व्रत, बुधवार को बुध प्रदोष व्रत. इस बार बुधवार के दिन भाद्रपद का आखिरी प्रदोष व्रत है और इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत कहा गया है. बुध प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat) आज यानी 27 सितंबर को है. बुध प्रदोष व्रत सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करता है और इस व्रत में पूजा के समय हरी वस्तुओं का उपयोग करना कल्याणकारी होता है.
प्रदोष पूजा शाम को होती है और इस दिन पूजा के समय बुध प्रदोष व्रत की कथा सुनने या पढ़ने के बाद ही पूजा पूरी मानी जाती है, तो चलिए पढ़ लें व्रत कथा .
भाद्रपद प्रदोष व्रत 2023
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 सितंबर की मध्यरात्रि 1 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 27 सितंबर को रात 10 बजकर 18 मिनट पर होगा. ऐसे में इस माह का आखिरी प्रदोष व्रत 27 सितंबर, बुधवार को रखा जाएगा और इसे बुध प्रदोष नाम दिया गया है.
बुध प्रदोष पर बनेंगे ये शुभ मुहूर्त (Budh Pradosh Muhurat December 2023)
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का पूजन प्रदोष काल यानि शाम के समय किया जाता है. इस समय भोलेनाथ प्रसन्न मुद्रा में होते हैं और उनसे कुछ मांगा जाए तो वह अपने भक्तों को निराश नहीं करते. बुध प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 6 बजकर 12 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 36 मिनट तक रहेगा.
बुध प्रदोष व्रत कथा (Budh Pradosh Katha)
एक युवक का विवाह हुआ और कुछ दिनों बाद उसकी पत्नी मायके चली गई. जब वह युवक पत्नी को लेने अपने ससुराल गया तो उस दिन बुधवार था. घर वालों ने उसे समझाया कि बुधवार को पत्नी को ले जाना शुभ नहीं माना जाता, लेकिन वो युवक नहीं माना. रास्ते में पत्नी को प्यास लगी तो वह युवक पानी लेने चला गया. जब वह लौटा तो उसने देखा कि उसकी पत्नी ऐसे युवक से बात कर रही है जो बिल्कुल उसकी तरह दिखता है. दोनों को सामने देख पत्नी भी आश्चर्य में पड़ गई. दूसरा युवक भी स्वयं को युवती का पति बताने लगा. इस बात पर दोनों में विवाद हो गया. तब उस युवक ने महादेव से प्रार्थना कि और बोला कि “मुझसे बड़ी भूल हुई कि मैं बुधवार को पत्नी को विदा करा लाया. मैं भविष्य में ऐसा कदापि नहीं करूंगा. हे महादेव मेरी सहायता करो.” इसके तुरंत बाद दूसरा युवक गायब हो गया और दोनों पति-पत्नी खुशी-खुशी घर आ गए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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आज शाम जरूर पढ़ें बुध प्रदोष व्रत कथा, तभी पूरा होगा व्रत