Bhog Prasad Rules: सनातन धर्म में भगवान को भोग लगाने का बड़ा महत्व है. भगवान को दो बार भोग जरूर लगाना चाहिए. इसके कई सारे नियम हैं, जिनका पालन करने पर भगवान भोग स्वीकार करते हैं, बहुत से लोग भोग तो लगाते हैं, लेकिन उन्हें भोग नगाने का सही नियम पता नहीं होता है. कुछ लोग भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद को वहीं रखा छोड़ देते हैं. ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार ने बताया कि ऐसा करना गलत है. शास्त्रों में साफ लिखा है कि भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद के भी नियम हैं, जिनका पालन करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं भोग लगाने नियम और इसका महत्व...
मंदिर सिर्फ इतनी देर रखें भोग
भगवान को दो पहर और लड्डू गोपाल जी को दिन में 4 से 5 बार भोग लगाना होता है. ऐसे में बहुत से लोग भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद को मंदिर में रख देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. भोग लगाने के बाद मंदिर में 5 से 7 मिनट बाद प्रसाद उठा लेना चाहिए. ऐसा करने से मंदिर में रखा भोग प्रसाद दूषित हो जाता है. उसमें राक्षसी शक्तियां प्रवेश कर जाती हैं. इन शक्तियों को विश्वक्सेन, चंदेश्वर , चंडान्शू और चांडाली भी कहा गया है. ऐसा भोग प्रसाद न केवल पूजा का फल खंडित कर देता है. ग्रहण करने वालों पर भी नकारात्मक शक्तियों का असर होता है.
भोग लगाने के लिए शुभ हैं ये बर्तन
शास्त्रों में भी कहा गया है कि भगवान को ताजा और सात्विक भोग लगाना चाहिए. इसके साथ ही जल जरूर चढ़ाना चाहिए. भोग लगाने के बाद पांच मिनट तक प्रसाद भगवान के सामने रखें. इसके बाद प्रसाद को उठकार लोगों में बांट दें. प्रसाद जितना ज्यादा लोगों को बांटा जाये. उसका उतना ही अधिक फल प्राप्त होता है. भगवान को सोने, चांदी, पीतल और तांबे के बर्तन में भोग लगाये. भगवान को मिट्टी के बर्तनों में भोग लगाना भी शुभ होता है.
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भगवान के सामने इतनी देर तक रखें भोग प्रसाद तो मिलेगी कृपा, जानें क्या है नियम