डीएनए हिंदी: आज हम आपको भगवान शिव के एक भक्त कण्णप्प की अनोखी कहानी (Bheel Kumar Kannappa Story) बताने वाले हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे. भगवान शिव के भक्त कण्णप्प ने भगवान शिव की बहुत ही भोलेपन से पूजा अर्चना (Shiv Puja) की और उसकी भक्ति से शिव प्रसन्न हुए और प्रकट होकर उसे दर्शन दिए. दरअसल, भील कुमार कण्णप्प (Bheel Kumar Kannappa) एक जंगल में शिकार करते हुए बहुत दूर निकल गया था. तभी उसने जंगल में एक मंदिर देखा. जंगल में मंदिर देख वह भगवान की पशु और किसी हिंसक हमले से रक्षा करने के लिए मंदिर के बाहर पहरा देने लगा. वह मंदिर के बाहर  रातभर धनुष पर बाण चढ़ाकर भगवान की रक्षा करता रहा. 

मांस और शहद का लगाया भोग

भील कुमार कण्णप्प (Bheel Kumar Kannappa) ने रात में मंदिर के बाहर पहरा दिया. सुबह उसे भगवान की पूजा करने का विचार आया. हालांकि वह पूजा करने की पद्धति के बारे में नहीं जानता था इसलिए वह जंगल गया और वहां से जानवर को मार कर उनका मांस पकाकर और मधुमक्खि के छत्ते से शहद ले आया. भगवान को चढ़ाने के लिए वह कुछ फूल और नदी का जल मुंह में भरकर ले आया. कण्णप्प ने मूर्ति के पास चढ़े फूल व पत्तों को पैरों से हटाया. उसके बाद मुंह से जल चढ़ाया और फूल चढ़ाए. मांस और शहद को प्रसाद के रूप में भगवान के सामने रख दिया. भील कुमार कण्णप्प (Bheel Kumar Kannappa) रोज भगवान शिव की ऐसे ही पूजा करता था. उन्हीं दिनों एक ब्राह्मण पूजा करने मंदिर आता था. ब्राह्मण भगवान को अर्पित मांस को देखकर हैरान हो जाता और सोचने लगता कि आखिर कौन पापी है जो रोज भगवान को अशुद्ध करके चला जाता है. 

यह भी पढ़ें - Sakat Chauth 2023: संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए आज रखा जाएगा सकट चौथ, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भगवान को कष्ट में देख अर्पित कर दी अपनी आंखें

ब्राह्मण एक दिन मूर्ति को अशुद्ध करने वाले को पकड़ने के लिए मंदिर में छिपकर बैठ गया. ब्राह्मण ने देखा कि भील कुमार कण्णप्प (Bheel Kumar Kannappa) मंदिर में आता है और रोज की तरह ही पैरों से भगवान पर चढ़े फूलों को हटाता है तभी उसकी नजर शिव की मूर्ति पर जाती है और वह हैरान हो जाता है. भगवान शिव की एक आंख से खून बह रहा था उसने भगवान को कष्ट में देखकर पहले पत्तों से औषधि बनाकर भगवान के नेत्र पर लगाई लेकिन जब इससे कुछ न हुआ तो उसने तीर से अपनी एक आंख निकाल कर भगवान को अर्पित कर दी. बाद में भगवान की दूसरी आंख से भी खून निकलने लगा जिसके बाद भील कुमार कण्णप्प (Bheel Kumar Kannappa)  मे दूसरी आंख भी भगवान को अर्पित कर दी. भगवान भील कुमार की भक्ति देखकर खुश हो गए और प्रकट होकर उसे ह्रदय से लगा लिया और उसकी नेत्रज्योति लौटा दी. 

भक्तिभाव से प्रसन्न हुए महादेव

कण्णप्प को छिपकर देख रहा ब्राह्मण भी यह सब देखकर भावुक हो गया और उसकी आंखें नम हो गई. तभी भगवान शिव ने ब्राह्मण से कहा कि मुझे पूजा पद्धति नहीं, श्रद्धापूर्ण भाव ही प्रिय है. यह सुनकर ब्राह्मण भील कुमार कण्णप्प के चरण छूकर बोला आप धन्य है भक्तराज आज आप ही के कारण मुझे भी भगवान शिव के दर्शन हो सके हैं. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
bheel kumar Bhakt of Shiva of Kannappa Shiva offering meat and Donated His Eyes hindu spiritual lok katha
Short Title
Bheel Kumar ने मांस का भोग लगाकर भगवान शिव को किया था प्रसन्न, अर्पित की थीं आंख
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Bheel Kumar Kannappa
Caption

प्रतीकात्मक तस्वीर

Date updated
Date published
Home Title

भील कुमार ने मांस का भोग लगाकर भगवान शिव को किया था प्रसन्न, अर्पित कर दी थीं दोनों आंखें