डीएनए हिंदी: ज्येष्ठ मास यानी जेठ के महीने में हनुमान जी की पूजा का खास महत्व बताया गया है. आज ज्येष्ठ मास का दूसरा बड़ा मंगल है. इस दिन आप हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर विशेष फल प्राप्त कर सकते हैं. कहा जाता है कि हनुमान जी कष्ट हरने वाले हैं, ऐसे में कष्टों से मुक्ति के लिए उनकी पूजा खासतौर पर लाभदायी बताई जाती है.
अब जब आप संकटमोचन की पूजा कर ही रहे हैं तो उनसे जुड़ी एक खास बात भी जान लीजिए. क्या आपको मालूम है कि बजरंगबली को 'हनुमान' नाम कैसे मिला? क्या आप जानते हैं हनुमान जी का सबसे पहला और वास्तविक नाम क्या था? जेठ महीने के दूसरे बड़े मंगल पर जानते हैं हनुमान जी से जुड़े ये दिलचस्प तथ्य.
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बचपन का नाम था 'मारुति'
बहुत कम लोग जानते हैं कि हनुमान जी के बचपन का नाम मारुति था, जो दरअसल उनका सबसे पहला व असली नाम था. देवी अंजना के पुत्र होने से उन्हें अंजनिपुत्र भी कहा जाता है. पिता का नाम केसरी है तो वह केसरीनंदन भी कहलाते हैं.
ऐसे पड़ा नाम 'हनुमान'
मारुति और केसरीनंदन का नाम हनुमान कैसे पड़ा, इसके पीछे एक पौराणिक कथा बताई जाती है. एक बार मारुति नंदन को भूख लगी थी वह इधर-उधर खाने की कुछ चीजें ढूंढने लगे. उसी समय उन्हें आकाश में सूर्य दिखाई दिया. उन्हें लगा यह कोई बड़ा सा फल है. उन्होंने यही सोचकर सूर्य को खाने के लिए मुंह खोलकर आगे बढ़ा दिया. कहा जाता है कि उसी समय राहू भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने के लिए आगे आया था, ऐसे में इंद्र ने वज्र से केसरीनंदन पर प्रहार कर दिया. उस वक्त उनकी ठोड़ी पर चोट लग गई. ठोड़ी को संस्कृत में हनु कहा जाता है. इसी वजह से मारुति और केसरीनंदन का नाम हनुमान पड़ गया.
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Bada Mangal 2022: बजरंगबली को क्यों कहा जाता है 'हनुमान', जानें क्या था असली नाम