अमावस्या तिथि हर माह आती है. अमावस्या के दिन देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु और पितरों का स्मरण किया जाता है . 2024 की आखिरी अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या, एला अमावस्या या सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस अमावस्या के बाद मार्गशीर्ष माह समाप्त हो जाता है और पुष्य माह शुरू हो जाता है.
चूंकि 2024 की आखिरी अमावस्या सोमवार को है, इसलिए इस दिन भगवान विष्णु के साथ शिव की भी पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है. सुखी जीवन देता है. यहां अंतिम अमावस्या या सोमवती अमावस्या 2024 के बारे में पूरी जानकारी दी गई है.
सोमवती अमावस्या 2024 शुभ
- 2024 सोमवती अमावस्या तिथि: सोमवार, 30 दिसंबर, 2024 - अमावस्या तिथि प्रारंभ: सोमवार , 30 दिसंबर, 2024 सुबह 4:01 बजे से - अमावस्या तिथि समाप्त: मंगलवार, 31 दिसंबर, 2024 सुबह 3:56 बजे.
सोमवती अमावस्या पूजा विधि
- सोमवती अमावस्या की सुबह पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. - स्नान के बाद
- अपने पितरों के नाम पर देसी घी का दीपक जलाएं .
- इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और अपनी इच्छानुसार दान करें.
- सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण देना चाहिए.
- इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करके तुलसी मंत्र का जाप करना चाहिए.
- सोमवती अमावस्या के दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा करनी चाहिए.
सोमवती अमावस्या मंत्र
- ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय
- धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्
- ॐ ह्रीं कार्तवीर्यअर्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवण
- ॐ नमः शिवाय -
- ॐ अपदमपहरथरं दातारं सर्वसम्पदाम लोकाभिरामन
- श्रीराम भूयो-भूयो नामाम्यहम्
- ॐ कुल देवताभ्यो नमःपीसी:
सोमवती अमावस्या पूजा लाभ
- सोमवती अमावस्या मनाने से आपको पितरों का आशीर्वाद मिलेगा. इससे आपको सफलता, खुशी और धन मिलेगा.
- सोमवती अमावस्या आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक विकास के लिए मनाई जाती है.
- भक्तों के अनुसार, सोमवती अमावस्या का व्रत करने से उन्हें अपने कर्मों से मुक्ति मिलती है और पिछले पापों से मुक्ति मिलती है.
सोमवती अमावस्या का क्या महत्व है?
हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या को बहुत महत्व दिया जाता है . अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. यह दिन पितरों की पूजा के लिए सबसे पवित्र दिन माना जाता है. इस दिन पितरों के प्रति सम्मान प्रकट करने से जीवन सुखी रहेगा. पितरों की संतुष्टि से हमें अच्छी संतान, धन और सुख की प्राप्ति होती है. यह दिन आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है. सोमवती अमावस्या को पितृ दोष दूर करने के लिए शुभ दिन माना जाता है. इस शुभ दिन पर लोग गंगा नदी में पवित्र स्नान करना पसंद करते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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