Alvida Ki Namaz 2025: रमजान का महीना चल रहा है. इस साल ईद 31 मार्च को मनाई जाएगी. हालांकि, चांद नजर आने को लेकर तारीख में बदलाव हो सकता है. रमजान के बाद ईद का पर्व आता है इसके अलावा रमजान के आखिरी जुमे का भी खास महत्व होता है. मुस्लिम लोगों के लिए यह दिन खास होता है. रमजान के आखिरी जुमे को अलविदा, जुमातुल विदा, जुमा-उल-विदा और जमात उल विदा कहते हैं. इस बार अलविदा जुमा 28 मार्च 2025 दिन शुक्रवार को है.
शुक्रवार यानी जुमे का दिन मुसलमानों के लिए पवित्र दिन होता है. इस दिन सभी लोग मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए इकट्ठा होते हैं. रमजान के महीने में जुमे का महत्व और भी अधिक होता है. खासकर रमजान के आखिरी जुमे (Alvida Jummah 2025) का खास महत्व होता है. नजाद अदा करने के बाद मुस्लिम लोग अल्लाह से अमन, चैन और खुशहाली की दुआएं मांगते हैं.
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अलविदा जुमे का महत्व (Alvida Jummah Importance)
अलविदा जुमा यानी जुमा-उल-विदा का इतिहास पैगंबर मोहम्मद के साथ जुड़ा हुआ है. अल्लाह के दूत पैगंबर मोहम्मद ने जुमे का दिन बाकि दिनों से खास बताया है यह दिन पाक बताया गया है. जुमे की नमाज से पहले भाषण दिया जाता है जिसे खुतबा कहते हैं. खुतबे में अल्लाह की रहमत और बंदों की जिम्मेदारियों के बारे में बताया जाता है.
नमाज अदा कर मुसलमान अल्लाह से रहमत, बरकत और मगफिरत की दुआ करते हैं. नमाज अदा कर गुनाहों से तौबा करते हैं. इसके अलावा अलविदा जुमा रमजान महीने के विदाई का संकेत होता है. अलविदा जुमे का मतलब है कि, रमजान खत्म होने वाला है. यह इस बात को याद दिलाता है जैसे पूरे महीने अल्लाह की इबादत की नेक काम पाक रास्ते पर चले ऐसा ही अगले रमजान तक चलता रहे.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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Alvida Namaz 2025
इस दिन है अलविदा की नमाज, जानें क्यों खास होता है रमजान का आखिरी जुमा