डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम अच्छा समय और मुहूर्त देखकर किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि अगर शुभ मुहूर्त में काम किया जाए तो अच्छा फल मिलता है. ज्योतिष के मुताबिक अगर बिना मुहूर्त देखकर काम किया जाता है तो उसमें सफलता नहीं मिलती या कोई न कोई अड़चन आ जाती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक पंचक अशुभ होता है. इस दौरान कुछ जरूरी काम करने की मनाही होती है. पंचांग के मुताबिक 01 मार्च से अग्नि पंचक की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में जानते हैं कि इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए.
Panchak कब से कब तक है?
पंचक 1 मार्च शाम 4 बजकर 31 मिनट से शुरू हो चुका है. इस अग्नि पंचक का समापन 06 मार्च सुबह 2 बजकर 29 मिनट पर होगा.
दिन के हिसाब से तय होते हैं पंचक के नाम
शास्त्रों के मुताबिक पंचक के नाम दिन के मुताबिक तय किए जाते हैं. रविवार से शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है. सोमवार से शुरू होने पर राज पंचक कहा जाता है. मंगलवार के दिन जब पंचक आरंभ होता है तो उसे अग्नि पंचक कहते हैं. शुक्रवार के आरंभ होने वाले पंचक को रोग पंचक कहते हैं. जबकि शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहते हैं.
अग्नि पंचक के दौरान क्या ना करें?
-ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अग्नि पंचक के दौरान लकड़ी, घास आदि जालने वाली वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना चाहिए.
-पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की यात्रा करना निषेध माना गया है. दरअसल यह दिशा यम और पितरों की मानी गई है.
-पंचक के दौरान घर नहीं बनवाना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से घर में लड़ाई-झगड़े और धन की हानि होती है. इसके अलावा पंचक के दौरान क्रोध करने से परहेज करना चाहिए.
ये भी पढ़ें:
2- घर में ना रखें ऐसा तुलसी का पौधा, अनजाने में हो सकती है बड़ी गलती
- Log in to post comments
शुरू हो चुका है अग्नि पंचक, 6 मार्च तक न करें ये काम