इस समय ग्रह-नक्षत्रों ने ऐसी स्थिति बना रखी है कि देश-दुनिया में भूकंप, आग, तूफान और युद्ध हो रहे हैं. हमास-इज़रायल और रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. इसके साथ ही चीन-ताइवान और भारत-पाकिस्तान के बीच भी तनाव है. यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कुछ देशों में आंतरिक स्थिति खराब है. श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश और नेपाल में हालात खराब हैं, वहीं दूसरी ओर कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के साथ हुए कुछ युद्धों के बाद सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के कारण हालात बदल गए हैं. ऐसे में पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है.
दो महान भविष्यवक्ताओं ने 2025 के लिए पहले ही की थी ये भविष्यवाणी
1. 27 अक्टूबर 2025 को तीसरे प्रकार का मौसम मेष राशि के प्रभाव में आएगा, एशिया का राजा मिस्र का भी सम्राट बन जाएगा. मसीहियों के लिए युद्ध, मृत्यु, हानि और शर्मनाक स्थितियाँ होंगी. - (नोस्त्रेदमस 3/77वीं शताब्दी).
2. जब शनि मीन राशि में प्रवेश करेगा तो भारत के लिए बुरा समय शुरू हो जाएगा. ढाई साल तक अराजकता रहेगी. - (अच्युतानंद भविष्य मलिका).
वर्ष 2025 के चंद्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण और शनि के मीन राशि में गोचर के बाद अशुभ घटनाओं की एक श्रृंखला शुरू हो गई है. इसी क्रम में बृहस्पति का मिथुन राशि में गोचर तथा राहु का कुंभ राशि में गोचर आग में घी डालने का काम करेगा. वर्तमान में देश और दुनिया में भयानक भूकंप, आग और तूफान की घटनाओं में वृद्धि हुई है. इसके साथ ही बांग्लादेश समेत दुनिया भर के कई देशों में आंतरिक कलह भी बढ़ गया है. हमास-इज़रायल और रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है. ऐसी स्थिति में भारत पर आतंकवादी हमला आग में घी डालने जैसा है.
शनि मीन योग कराएगा युद्ध
29 मार्च 2025 से शनि मीन राशि में है और इससे देश-दुनिया में राजनीतिक हालात खराब होनी शुरू हो चुकी है. युद्ध के नये मोर्चे खुल रहे हैं. हमास-इज़रायल और रूस-यूक्रेन के बीच विश्व युद्ध की प्रस्तावना का दूसरा चरण शुरू होगा. देश और दुनिया की आर्थिक स्थिति बदलने लगी है.
पूर्व में शनि करा चुका है दूसरा विश्व युद्ध
मार्च 1937 में जब शनि मीन राशि में प्रवेश किया तो द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो चुका था. चीन ने जापान पर हमला कर दिया और धीरे-धीरे दुनिया में तनाव बढ़ गया. भारत-पाकिस्तान युद्ध 1965-66 के बीच हुआ, जब शनि मीन राशि में प्रवेश करने वाला था. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इंदिरा गांधी को भारत के प्रधानमंत्री पद के लिए अपना नेता चुना. इसके बाद अखिल भारतीय स्तर पर गौरक्षा आन्दोलन शुरू हुआ, जिसमें हजारों हिन्दुओं का कत्लेआम हुआ. दूसरी ओर, वियतनाम युद्ध चल रहा था.
जून 1995 में, जब शनि मीन राशि में था, जापान में आए बड़े भूकंप में हजारों लोग मारे गए और बोस्नियाई युद्ध में 8,000 से अधिक लोग मारे गए. अब 29 मार्च 2025 को शनि के मीन राशि में प्रवेश करने से बड़े भूकंप और युद्ध का भय होने का अंदेशा पहले ही जताया जा चुका था और और अब जगह-जगह भूकंप आ रहे हैं और युद्ध के आसार बनने लगे हैं.
विद्वान ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि शनि जब राशि बदलता है तो देश-दुनिया में बदलाव देखने को मिलते हैं. चाहे सत्ता परिवर्तन हो, जनविद्रोह हो, अकाल हो या सूखा हो, ऐसी स्थितियां शनि के राशि परिवर्तन के दौरान उत्पन्न होती हैं.
बृहस्पति गोचर का प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार 14 मई 2025 से बृहस्पति के गोचर से पृथ्वी की जलवायु में परिवर्तन देखने को मिलेंगे. बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन से पृथ्वी का मौसम और तापमान बदल जाएगा. लोगों की मानसिक स्थिति ख़राब हो जाएगी. महाभारत काल में यानि 5000 वर्ष पूर्व बृहस्पति 7 वर्षों तक 7 राशियों में गोचर कर रहा था. अतः एक बड़ा युद्ध छिड़ गया. यहां तक कि जब लगभग 1000 वर्ष पहले गुरु अतिचारी बन गए थे, तब भी बड़े परिवर्तन हो चुके थे.
प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी बृहस्पति की असामान्य गतिविधियां घटित हुई थीं. कुछ वर्ष पहले 2018 से 2022 तक बृहस्पति 4 राशियों से होकर गोचर कर रहा था. पिछले कुछ वर्षों में जो कुछ हुआ है, वह सभी ने देखा है. वर्ष 2019 से देश और दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद दुनिया पूरी तरह बदल गई है. कहा जा रहा है कि बदलाव का दूसरा चरण 2025 में शुरू होगा. ज्योतिषीय दृष्टि से 2025 और 2026 सबसे खतरनाक वर्ष बताए जा रहे हैं.
वैदिक ज्योतिषी के अनुसार सौरमंडल में दिव्य गुरु बृहस्पति यानी गुरु ग्रह गुरु की भूमिका निभाते हैं. जब ज्ञान देने वाला स्वयं अति-उपलब्धि प्राप्त करने वाला बन जाता है, तो सौर-मंडल की कार्यप्रणाली बाधित हो जाती है. इससे आम जनता में भी कुछ असुविधा पैदा होती है. देवों के देव बृहस्पति की यह स्थिति वैश्विक असंतोष, युद्ध, तनाव, प्रभुत्व के लिए संघर्ष और बौद्धिक संपदा में वृद्धि का संकेत देती है.
विदेश या पूरे विश्व के लिए अच्छा नहीं होगा ये ग्रह गोचर
2025 में ग्रह गोचर की स्थिति कुछ इस प्रकार है कि बृहस्पति वृषभ राशि में गोचर करेगा, तत्पश्चात मिथुन राशि में प्रवेश करेगा तथा कुछ समय पश्चात वक्री होकर वृषभ राशि में प्रवेश करेगा. ऐसा बार-बार होगा. बृहस्पति का यह चक्र देश, विदेश या पूरे विश्व के लिए अच्छा नहीं होगा. अशांति, अराजकता और हिंसा की संभावना रहेगी. इसके साथ ही 29 मार्च 2025 से शनि का मीन राशि में प्रवेश होने से भी शुभ प्रभाव नहीं होगा, जिससे विश्व के लोगों को दुख और कठिनाई का सामना करना पड़ेगा.
पृथ्वी पर भूकंप, ज्वालामुखी और प्राकृतिक आपदाएँ होंगी, साथ ही मनुष्यों के बीच संघर्ष, झगड़े, रक्तपात और जान-माल की हानि भी होगी. इससे कई देशों की सरकारों के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है. जन विद्रोह से शासन करना कठिन हो जाएगा. लोग विद्रोह करेंगे. अचानक मृत्यु, दुर्घटनाएं आदि विशेष रूप से युवा पीढ़ी को प्रभावित करेंगी.
राहु से सहयोग
18 मई 2025 को राहु ग्रह बृहस्पति की मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. राहु के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही देश-दुनिया में घटनाएं और तीव्र हो जाएंगी. कोरोना वायरस जैसी नई महामारी की आशंका है. प्रौद्योगिकी इतनी विकसित हो जाएगी जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी. लोग अंतरिक्ष में जाने की योजना बनाएंगे.
कोरिया, चीन-ताइवान और मध्य पूर्व जैसे युद्ध मोर्चों पर गतिविधियां बढ़ेंगी
ग्रहों की स्थिति के आधार पर उन्होंने दावा किया है कि कुछ ही हफ्तों में तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो सकता है. 8 मई के आसपास कोरिया, चीन-ताइवान और मध्य पूर्व जैसे युद्ध मोर्चों पर गतिविधियां बढ़ जाएंगी. इसके साथ ही इजरायल और मध्य पूर्व के साथ-साथ यूक्रेन-रूस के बीच भी युद्ध बढ़ेगा, जिससे नाटो परेशान हो सकता है.
भारत में चुनाव और एग्जिट पोल के बाद पीओके में अचानक बवाल मच गया है. पाकिस्तान ने पूरा पीओके सेना को सौंप दिया है. सेना के आतंकवादी अब भारत के साथ जिहाद की बात कर रहे हैं. मंगल की युति के कारण भारत इसके खिलाफ सख्त कदम उठा सकता है.
POK फिर भारत का होगा
पीओके के भारत में विलय की प्रबल संभावना है. ज्योतिषाचार्य पवन सिन्हा भी यही मानते हैं. संत बेत्रा अशोक भी इस संबंध में पहले ही भविष्यवाणी कर चुके हैं कि भारत 6 महीने के भीतर पीओके के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई करेगा.
प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषी रुद्र करण प्रताप ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के भारत में विलय के बारे में अपनी भविष्यवाणी साझा की है. एक्स पर करीब 60 हजार फॉलोअर्स वाले रुद्र का अनुमान है कि अप्रैल 2025 से सितंबर 2026 के बीच पीओके का भारत में विलय हो सकता है. रुद्र ने लिखा, "ज्योतिष के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी इस समय मंगल की महादशा से गुजर रहे हैं. भविष्यवाणी है कि इस दौरान जमीन से जुड़े मामले महत्वपूर्ण रहेंगे. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को अप्रैल 2025 से सितंबर 2026 के बीच भारत में शामिल किया जा सकता है."
भारत की कुंडली क्या कहती है?
भारत की स्वतंत्रता की कुंडली वृषभ लग्न की है और लग्न में राहु बैठा है. वर्तमान में राहु और बृहस्पति दोनों एक साथ बारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं. बृहस्पति भारतीय कुंडली के 12वें घर से चौथे घर पर दृष्टि डाल रहा है. कुंभ राशि में स्थित शनि चतुर्थ भाव का विस्तार कर रहा है. ऐसे में जब राहु मेष राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा तो संक्रमण काल में यानि 17 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच ऐसा माहौल बन सकता है कि भारत पीओके पर कोई बड़ी कार्रवाई करे.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए एस्ट्रोलॉजर से संपर्क करें.)
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