डीएनए हिंदीः भगवान विष्णु अपनी चार महीने की निद्रा से जागने पर देवउठनी एकादशी होती है. चार महीने से बंद हर तरह के शुभ कार्य देव उठनी एकादशी से शुरू होते हैं. हालांकि इस बार ऐसा नहीं हो सकेगा क्योंकि इस समय शुक्र अस्त है. 

हर साल देव उठनी एकादशी के दिन से ही विवाह शुरू हो जाते थे लेकिन शुक्र के अस्त होने से अब 16 दिन बाद विवाह के मुहूर्त खुल रहे हैं. 20 नवंबर को शुक्र उदय के साथ 21 नवंबर से विवाह के दिन शुरू हो जाएंगे. 
इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार महीने की निद्रा से जागते हैं और इसी दिन तुलसी विवाह भी होता है लेकिन इस बार तुलसी विवाह एकादशी के पारण वाले दिन यानी 5 नंवबर को होगा.

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तुलसी विवाह के दिन तुलसी और भगवान विष्णु का विवाह गन्ने के मंडप के नीचे करवाया जाता है. इस दिन गन्ने की पूजा भी की जाती है, हालांकि एकादशी के दिन तुलसी विवाह नहीं है, लेकिन फिर भी इस दिन गन्ने की पूजा और 11 दीये जरूर जलेंगे. चलिए जानें क्या है देवउठनी एकादशी की ये मान्यता. 
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एकादशी के बाद ही गन्ना काटते हैं किसान
झांसी के जाने माने इतिहासकार हरगोविंद कुशवाहा ने बताया कि देवउठनी एकादशी के दिन किसान गन्ने की नई फसल की कटाई का काम शुरू करते हैं. इस दिन से पहले कोई भी किसान गन्ने के एक भी पौधे को हाथ तक नहीं लगाता है. मौसम बदलने की वजह से इस दिन से लोग गुड़ का सेवन करना शुरू करते हैं. गुड़ को गन्ने के रस से बनाया जाता है इसलिए इस दिन गन्ने की पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. गन्ने को मीठे का शुभ स्रोत माना जाता है. साथ ही यह माना जाता है कि अगर हम भी अपने व्यवहार में गन्ने जैसी मिठास रखेंगे तो घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहेगी. 

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11 दीए जलाने होता है शुभ
पंडित मनोज थापक ने बताया कि इस वर्ष देवउठनी एकादशी तीन नवंबर की शाम 7.30 बजे से शुरू हो जायेगी और चार नवंबर की शाम 6.08 बजे समाप्त हो जायेगी. जो लोग व्रत रखना चाहते हैं वो चार नवंबर को व्रत और पूजा कर सकते हैं. पूजा करने से पहले घर की महिलाएं चूना और आटे से रंगोली बनाती हैं. इसके बाद गन्ने का मंडप तैयार कर भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप की पूजा होती है. इस पूजा में विशेष रूप से 11 दीए जलाए जाते हैं.

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11 diyas are lit and Sugarcane worshiped on Devuthani Ekadashi, belief related to Lord Vishnu and Tulsi Vivah
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देवउठनी एकादशी पर होती है गन्ने की पूजा और जलते हैं 11 दीये, ये है मान्यता
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देवउठनी एकादशी पर होती है गन्ने की पूजा और जलते हैं 11 दीये, ये है मान्यता
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देवउठनी एकादशी पर होती है गन्ने की पूजा और जलते हैं 11 दीये, ये है मान्यता

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देवउठनी एकादशी पर होती है गन्ने की पूजा और जलते हैं 11 दीये, ये है मान्यता