Vidur Niti- महात्मा विदुर एक ज्ञानी, धर्मात्मा और एक महान राजनीति के ज्ञाता थे, महात्मा विदुर ने कई ऐसी ज्ञानपरक बातें बताई हैं, जो आज के समय में बहुत उपयोगी हैं. विदुर नीति के अनुसार आइए जानें इस धरती के 6 सुख कौन से हैं?
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विदुर नीति के अनुसार निरोगी शरीर संसार का सबसे बड़ा सुख है. अगर आप सेहतमंद हैं और आपको कोई बीमारी नहीं है तो इससे बड़ा धन कुछ भी नहीं. किसी भी कार्य को करने के लिए सेहतमंद होना जरूरी है.
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व्यक्ति जो पूरी तरह से कर्ज से मुक्त है और जिस पर किसी भी प्रकार का कोई ऋण नहीं है, वो इस संसार का सबसे सुखी व्यक्ति है. पितृ ऋण, देव ऋण और ऋषि ऋण से मुक्ति के कुछ उपाय शास्त्रों में बताए गए हैं.
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इसके अलावा जो लोग परदेस में नहीं रहते हैं, अपने ही देश में निवास करते हैं तो यह धरती का तीसरा सबसे बड़ा सुख है, ऐसे लोग का जीवन खुशहाल बीतता है.
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ऐसे लोग, जिन्हें अच्छे लोगों का साथ प्राप्त है या जो लोग सज्जन लोगों के सानिध्य में रहते हैं, यह भी सुखी जीवन का आधार है. ऐसे लोगों को अच्छा ज्ञान प्राप्त होता है और सज्जनों के बीच में उनका विकास भी बेहतर होता है.
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हर व्यक्ति का निर्भय होना जरूरी है. विदुर नीति के अनुसार इस संसार में जो व्यक्ति निडर है, वह धरती का सबसे सुखी इंसान है. निडर होने का तात्पर्य यह है कि उसका आत्मविश्वास और मनोबल मजबूत हो और कोई भी काम को करने से डरता न हो. डर से विजय प्राप्त नहीं होती है.
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इसके अलावा धरती पर जो व्यक्ति अपनी वृत्ति से जीविका चलाता है, वह सबसे सुखी है. इसके लिए लोगों को अपने जीवन यापन के लिए कोई विशिष्ट कार्य, कला या पेशा चुनना चाहिए, ताकि वह अपनी भौतिक जरूरतों की पूर्ति कर सके.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है, जो लोक कथाओं और मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टी नहीं करता है)