डीएनए हिंदीः दुबई के जबेल अली क्षेत्र में रहने वाले हिंदुओं की लंबे समय से एक मंदिर की मांग थी, अब ये मांग पूरी हो चुकी है. 16 देवताओं का ये मंदिर 5 अक्टूबर को आधिकारिक रूप से जनता के लिए खोल दिया जाएगा. इस इलाके में कई चर्च और एक गुरुद्वारा पहले से ही है.
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इसे यूएई का पहला समुदाय संचालित मंदिर कहा जा रहा है. इस मंदिर में एक ध्यान कक्ष और कार्यक्रम आयोजन के लिए कम्युनिटी सेंटर होगा. ये हिंदू मंदिर जेबल अली में अमीरात के कॉरिडोर ऑफ टॉलरेंस में है. यह सुबह 6 बजे से शाम 8.30 बजे तक जनता के लिए खुलेगा.
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मंदिर के पिलर पर अरबी और हिंदू डिजाइन देखने को मिलता है और छत पर घंटियां हैं. मंदिर प्रबंधन ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से QR कोड आधारित अपॉइंटमेंट बुकिंग प्रणाली को एक्टिव कर दिया है. पहले दिन से मंदिर में कई लोगों ने दर्शन किए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है भीड़ को कंट्रोल करने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए ये फैसला किया गया है.
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खलीज टाइम्स के मुताबिक यह मंदिर सिंधु गुरु दरबार मंदिर का विस्तार है जो UAE के सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक है. 2020 की मई में इस मंदिर की नींव रखी गई थी. मंदिर में सभी धर्म के लोगों का स्वागत है. 1 सितंबर 2022 को पहली बार लोगों को सफेद संगमरमर से बने इस मंदिर के अंदरूनी हिस्से को देखने की अनुमति दी गई थी.
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इस मंदिर में हर रोज लगभग 1000 से 1200 श्रद्धालु आ सकते हैं. मंदिर में भगवान गणेश, राधा-कृष्ण, सीता-राम लक्ष्म समेत शिवजी की मूर्ति और शिवलिंग भी है. कुल 16 देवताओं की मूर्तियां मंदिर में हैं.
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अधिकांश देवताओं की मूर्तियां मुख्य प्रार्थना कक्ष में स्थापित हैं. वहीं मंदिर के छत पर गुलाबी रंग का एक खूबसूरत 3D कमल बना हुआ है. मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक दुबई का नया हिंदू मंदिर सुबह 6.30 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहेगा.
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अबू धाबी से दुबई के बीच अल रहाबा (Al Rahba) जिले में बने इस मंदिर की कलाकृतियों को भारतीय कारीगर तराश रहे हैं, जिन्हें बाद में यूएई के विभिन्न हिस्सों में जोड़ा गया है. पूरी तरह निर्मित होने के बाद इसमें स्वामीनारायण, अक्षर पुरुषोत्तम महाराज, शिव, कृष्ण, राम, जगन्नाथ, वेंकटेश और अयप्पन भगवान की मूर्तियां मौजूद रहेंगी. राजस्थान से आए गुलाबी पत्थर के अलावा यूरोप से आए मार्बल का भी मंदिर के अंदरूनी भाग के निर्माण में उपयोग हो रहा है.