माघ महीने में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. जैसा कि इसके नाम से ही जाहिर है इस अमावस्या में मौन का खास महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन मौन रहकर दान-पुण्य और व्रत इत्यादि करने का विशेष महत्व है. जानते हैं इस साल कब है मौनी अमावस्या और क्या है इसका महत्व व इससे जुड़े नियम-
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इस साल मौनी अमावस्या का आरंभ 31 जनवरी 2022, सोमवार को दोपहर 2:20 बजे से हो रहा है. यह तिथि 1 फरवरी 2022, मंगलवार को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर पूर्ण होगी.
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कहा जाता है कि मनु ऋषि का जन्म मौनी अमावस्या के दिन ही हुआ था. इसलिए इस दिन भक्त मौन व्रत भी रखते हैं, जिससे यह अमावस्या साल के अन्य महीनों में आने वाली अमावस्या से अलग हो जाती है. इस दिन ध्यान करने और पाठ करने की परंपरा है.
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इस अमावस्या के साथ मौन शब्द जुड़ा होने का अर्थ है बाहरी जीवन से दूर स्वयं के भीतर झांकने का एक मौका. कई लोग इस अवसर का पूरा लाभ लेकर मन को एकाग्र करने के साथ ही इस दिन थोड़ी देर या पूरे दिन के लिए मौन व्रत भी रखते हैं. कहा जाता है कि इससे नकारात्मकता दूर होती है और मन शांत होता है.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन देवी-देवता स्वर्ग लोक से आकर गंगा में वास करते हैं. इस वजह से इस दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व बताया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पाप मिट जाते हैं औऱ कष्ट दूर होते हैं.
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मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान के साथ ही दान का भी काफी महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन काला तिल, गरम कपड़े, कंबल, तेल, जूते आदि का दान करना चाहिए. इससे ग्रह बाधा दूर होती है और कार्यों में सफलता मिलती है.