उत्तराखंड (Uttarakhand) में भगवान केदारनाथ (Kedarnath) के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. हजारों भक्तों की मौजूदगी में बाबा केदारनाथ के कपाट सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर खोले गए हैं.
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस पवित्र पल के साक्षी बने हैं. भगवान केदारनाथ के धाम को करीब 15 क्विंटल से ज्यादा के फूलों से सजाया गया है. हजारों श्रद्धालुओं के जयकारे के बीच बाबा के कपाट खोले गए हैं. भक्तों को कोविड नियमों का पालन करना होगा. मास्क को भी अनिवार्य किया गया है.
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भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली गौरीकुंड से बाबा केदारनाथ धाम के लिए गुरुवार को ही रवाना हुई थी. डोली गुरुवार शाम को केदारधाम पहुंच जाएगी. कपाट खोलने को लेकर प्रशासन एवं मंदिर समिति की ओर से भव्य तैयारियां की गईं थीं. केदारनाथ मंदिर को 15 क्विंटल रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया. मंदिर में भक्तों ने बाबा के जयकारे लगाए.
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गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों की लंबी कतारें नजर आ रही हैं. मंदिर खुलने से स्थानीय व्यापारियों के चेहरे भी खिल उठे हैं. दो साल कोविड महामारी की वजह से केदारनाथ यात्रा पर काफी असर पड़ा था. इस बार विधि-विधान से डोली केदारनाथ पहुंच रही है और स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार की केदारनाथ यात्रा पिछले सारे रिकार्ड तोड़ देगी.
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केदारनाथ धाम में यूं तो श्रद्धालुओं के ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, लेकिन जिस तरह से भीड़ आ रही है उसे देखते हुए प्रशासन के हाथ पांव-फूलने लगे हैं. डीएम मयूर दीक्षित लगातार व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं. कुछ स्थानों पर टॉयलेट की कमी है, जिसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.
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केदारनाथ धाम में हर दिन 12 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. वहीं बद्रीनाथ में 15 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. यमुनोत्री में 4 हजार श्रद्धालुओं के नियमित दर्शन की इजाजत दी गई है.