होली का त्योहार अपने साथ कई तरह की उम्मीद और उमंग लेकर आता है. मगर इसी के साथ आते हैं होलाष्टक. होली से 8 दिन पहले शुरू होने वाले होलाष्टक को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. इन आठ दिनों को अशुभ माना जाता है. नई नौकरी से लेकर शादी या नए सामान की खरीदारी तक इस दौरान अशुभ मानी जाती है. जानते हैं इसकी वजह-
Slide Photos
Image
Caption
17 फरवरी से फाल्गुन मास की शुरुआत हो चुकी है. फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का त्योहार मनाया जाता है. मगर इससे पहले शुरू होने वाले होलाष्टक के बारे में भी जानना जरूरी है. इन दिनों से जुड़ी कई तरह की मान्यताएं हैं.
Image
Caption
हिंदू पंचाग के अनुसार इस साल होलाष्टक 10 मार्च से शुरू होगा.फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से ही होलाष्टक शुरू जाता है.होलाष्टक के 8 दिनों तक कोई शुभ काम नहीं किए जाते.फाल्गुन पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन के साथ ही होलाष्टक का समापन होता है.
Image
Caption
कहा जाता है कि होलाष्टक के 8 दिनों के दौरान राजा हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के साथ मिलकर अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए उसे काफी परेशान किया था. हिरण्यकश्यप ने होलाष्टक के आखिरी दिन उसे जलाकर मारने की भी कोशिश की थी.इसी वजह से इन 8 दिनों में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता.
Image
Caption
होलाष्टक से जुड़ी दूसरी मान्यता यह है कि भगवान शिव ने कामदेव को फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को अपने क्रोध की अग्नि से भस्म कर दिया था. इस वजह से भी होलाष्टक के आठ दिनों को मांगलिक कार्यों के लिए शुभ नहीं माना गया है.
Image
Caption
इन 8 दिनों में महामृत्युंजय मंत्र का जाप काफी शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से सभी रोगों से छुटकारा मिलता है और आकस्मिक मृत्यु का खतरा भी टल जाता है.