Banke Bihari Corridor: उत्तर प्रदेश के वृंदावन धाम में भगवान श्रीकृष्ण के विश्वप्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ कॉरिडोर बनाने की योजना है. इस योजना पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कुछ शर्तों के साथ हटा दिया है. चलिए आपको इस कॉरिडोर की पूरी योजना बताते हैं.
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बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ 5 एकड़ जमीन को अधिग्रहित करके कॉरिडोर बनाने की योजना को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दिखा दी है. जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस एससी शर्मा की बेंच ने राज्य सरकार को मंदिर की बांके बिहारी जी ट्रस्ट के 500 करोड़ रुपये की FD से यह कॉरिडोर तैयार करने की अनुमति दी है, लेकिन यह शर्त रखी है कि जमीन की रजिस्ट्री भगवान बांके बिहारी के नाम पर ही की जाएगी यानी वही इस 5 एकड़ जमीन के मालिक होंगे. इससे पहले Allahabad High Court ने मंदिर के फंड का उपयोग जमीन खरीदने में करने पर रोक लगा दी थी.
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बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए साल 2022 में बेहद भारी भीड़ जुट गई थी, जिसके चलते वहां भगदड़ मच गई थी. इस भगदड़ में दर्जनों लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हुए थे. इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार ने वृंदावन में भी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Temple Corridor) की तर्ज पर कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया था.
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राज्य सरकार बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ के इलाके में 5 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगी. इसके बाद 262 करोड़ रुपये के मूल प्रस्ताव के तहत यहां कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है. इसके लिए चारों तरफ कई सौ साल से बसे घरों और करीब 300 मंदिरों को हटाए जाने की योजना है.
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बांके बिहारी कॉरिडोर में मंदिर के चारों तरफ एक गलियारा बनाया जाएगा, जो दो मंजिला होगा. श्रद्धालु तीन मार्गों - जुगलघाट, विद्यापीठ चौराहे और जादौन पार्किंग से मंदिर तक पहुंच सकेंगे. इसमें एक समय में करीब 10,000 श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की जाएगी. प्रवेश परिसर का भूतल करीब 11,300 वर्ग मीटर एरिया में फैला होगा, जिसमें पूजा सामग्री आदि की दुकानें होंगी और भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की फोटो गैलरी होगी.
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श्रद्धालुओं के लिए करीब 35,00 वर्ग मीटर एरिया में एक प्रतीक्षा कक्ष बनाए जाने की योजना है. इसके अलावा कॉरिडोर में करीब 5113 वर्ग मीटर ओपन एरिया भी होगा. इस कॉरिडोर के निर्माण का आसपास रहने वाले वे लोग विरोध कर रहे हैं, जिन्हें इसके चलते विस्थापित होना पड़ेगा. उनका कहना है कि इससे पुजारियों और स्थानीय दुकानदारों की आय प्रभावित होगी. इन लोगों ने अपने खून से पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को भेजा था, जिसमें कॉरिडोर निर्माण को रोकने की गुहार लगाई गई थी. हालांकि राज्य सरकार ने इनका प्रस्ताव ठुकरा दिया है.
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सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी, अब बनेगा वृंदावन बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर