डीएनए हिंदी: राधा रानी भले ही कृष्ण की अर्धांगिनी न बनीं लेकिन वह उनकी सबसे प्रिय प्रेमिका में मानी गईं और यही कारण है कि भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा का नाम जरूर आता है. सनातन धर्म में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है और इसी महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी मनाई जाती है.
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इस साल राधाष्टमी कब पड़ेगी और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है इसे लेकर लोगों में कंफ्यूजन है. असल में इस बाद अष्टमी इस बार 3 सितंबर से लग रही है और 4 सितंबर तक रहेगी. ऐसे में व्रत किस दिन रखा जाएगा इसे लेकर बहुत ही संशय की स्थति है. तो चलिए जानें व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और इसे किस दिन मनाया जाएगा.
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इस साल भादो महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी रविवार 4 सितंबर को होगी. यानी अष्टमी का व्रत रविवार को रखा जाएगा. हालांकि अष्टमी तिथि का प्रारंभ शनिवार 3 सितंबर 202, दोपहर 12:25 बजे से शुरू हो जाएगा. अष्टमी तिथि समाप्त: 4 सितंबर 2022, रविवार, सुबह 10:40 बजे तक होगी लेकिन उदया तिथि के अनुसार राधा अष्टमी का व्रत 4 सितंबर को ही रखा जाएगा.
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राधा जी को कृष्ण जी की प्रेमिका और संगिनी के रूप में पूजा जाता है. पद्म पुराण के अनुसार, राधा जी का जन्म बरसाना के प्रतिष्ठित यादव राजा वृषभानु गोप के घर में हुआ था और उन्हें माता लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है. शास्त्रों में राधा और कृष्ण जीकी अनगिनत लीलाओं का वर्णन है और वैष्णव सम्प्रदाय में राधा जी को भगवान कृष्ण की शक्ति स्वरूपा भी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि कृष्ण भगवान राधा रानी को निश्छल प्रेम करते थे. आज भी राधा और कृष्ण के प्रेम की गाथा प्रेरणा प्रदान करती है.
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राधाष्टमी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा मंदिर के पास कलश में जल भरकर रखें और चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर राधा और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद राधा रानी को पंचामृत से स्नान कराएं और सुंदर वस्त्र पहनाएं. विवाहित महिलाएं सोलह श्रृंगार करें और देवी राधा के समक्ष फल और मिठाइयों का भोग अर्पित करें. इसके बाद राधा और कृष्ण जी की आरती करें और प्रसाद वितरण करके स्वयं भी ग्रहण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
राधा अष्टमी का महत्व- हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार आज के दिन व्रत रखने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. राधा अष्टमी का व्रत रखने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है और भगवान की कृपा बनी रहती है. संतान और पति की लंबी आयु के लिए भी इस व्रत का खास महत्व है.
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3 या 4 सितंबर किस दिन मनाई जाएगी राधा अष्टमी, जानें