डीएनए हिंदी :भगवान शिव की नगरी उज्जैन अपने मंदिरों के लिए विख्यात है. एक प्राचीन मंदिर भगवान गणेश (lord Ganesha) का भी है. चिंतामण गणेश (Chintaman Ganesh Temple) के नाम से मशहूर यह मंदिर भगवान शिव के सुप्रसिद्ध मंदिर महाकालेश्वर (Shree Mahakaleshwar Temple) मंदिर से लगभग 6 किलोमीटर की दूर पर स्थित है. इस मंदिर में श्री गणेश तीन रूप में विराजमान हैं जिनका दर्शन मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करते ही हो जाता है. इस मंदिर में भगवान गणेश के तीनों रूपों चिंतामण, इच्छामन और सिद्धिविनायक के दर्शन करने से चिंता की मुक्ति हो जाती है.
भगवान राम ने की थी चिंतामण मंदिर की स्थापना
मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान राम (Temples Built by Ram) ने की थी. इस मंदिर की स्थापना के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है. जिसमें कहा जाता है कि वनवास के समय वन में घूमते समय माता सीता को प्यास लगी. भगवान राम ने लक्ष्मण से पानी लाने के लिए कहा तो लक्ष्मण ने मना कर दिया. भगवान राम को आश्चर्य हुआ. वे समझ गए कि यह इस दोष युक्त धरती की वजह से है, जिसके बाद भगवान राम ने माता सीता और लक्ष्मण के साथ इस मंदिर की स्थापना की. जिसके प्रभाव से लक्ष्मण ने यहां एक बावड़ी बनाई आज भी इसे लक्ष्मण बावड़ी के रूप में ही जाना जाता है.
यह भी पढ़ें: गाय की सेवा करने से मिलता है पितरों का आशीर्वाद, पितृपक्ष में करें यह काम
यहां बनाया जाता है उल्टा स्वास्तिक
इस मंदिर का जीर्णोद्धार अहिल्याबाई होलकर के शासनकाल में हुआ था. इस मंदिर में दूर-दूर से लोग भगवान गणेश के तीनों रूपों का दर्शन करने आतें है और मनोकामना पूरी करने के लिए मन्नत का धागा बांधते हैं और उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इं
- Log in to post comments
Ganesh Temple Ujjain : उल्टा स्वास्तिक बनता है इस मंदिर में, स्वयं भगवान राम ने की थी स्थापना