डीएनए हिंदी : हमसब दुआओं और प्रार्थनाओं में अक्सर सर्वशक्तिशाली ईश्वर(God) से कुछ न कुछ मांगते रहते हैं. कभी अपनी ख़ुशी के लिए, कभी किसी दोस्त की ख़ुशी के लिए तो कभी, परिवार की बेहतरी के लिए. ईश्वर से प्रार्थना करते हुए हम अक्सर कुछ न कुछ मनौती मांग लेते हैं. कई बार इन मनौतियों को पूरा किया तो कई बार नहीं कर पाते हैं. क्या होता है इसका प्रभाव अथवा दुष्प्रभाव? जानिए आचार्य डॉक्टर विक्रमादित्य से -
क्या भगवान् होते हैं नाराज़?
आपने भगवान के समक्ष कोई मन्नत मांगी और वह पूरी हो गई लेकिन आपने इसके बदले में भगवान को याद नहीं किया फिर भी भगवान आपका नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.
पितरों/मृतआत्माओं से तंत्र से मांगी कोई मन्नत और फिर नहीं किया पूरा
लेकिन अगर आपने अपने पितरों से, मृतआत्मा से, तंत्र क्रियाओं(tantra kriya) के द्वारा तीसरी शक्ति से आपने कुछ मांगा और वह पूरा हो गया है तो आपका दायित्व बनता है कि उनको उनकी जरूरत से संबंधित चीजें अर्पित कर दें. अगर आप भूल जाते हैंं तो वे आपको नुकसान पहुंचाकर आपको याद दिलाते हैं. ये सभी आपके आस-पास ही रहते हैं. और आपकी गतिविधियों पर नजर रखते है, जैसे ही आप उन्हें दरकिनार करना शुरू करते हैं तो वे आपका नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं. इसलिए बेहतर यह होगा कि अगर आपके इन सबके सामने कोई मन्नत मांगी है और वह पूरी हो गई, इसके बदले आपने उन्हें कुछ अर्पित करने का वादा किया था तो समय रहते वह कर्ज आप उतार दीजिए. नहीं देंगे तो वे आपकी पीढ़ियों से वसूल लेंगे. भगवान से लोग भले ही ना डरें लेकिन इन शक्तियों से लोग जरूर डर जाते है और इसका दुष्प्रभाव भी देखने को मिलता है.
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Dharma : भगवान् से मन्नत मांगकर नहीं किया उसे पूरा, क्या होंगे भगवान् नाराज़?