डीएनए हिंदी: सनातन धर्म में भगवान विष्णु (Lord Vishnu ) को उच्चतम स्थान दिया गया है. माना यह भी जाता है कि सृष्टि की रचना में भगवान विष्णु शामिल थे. इसके साथ उनको प्रसन्न करने के लिए भक्त एकादशी व्रत रखते हैं. मान्यता यह है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु (Vishnu Chalisa ) की विधिवत पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. भगवान श्री हरी विष्णु चालीसा के पाठ से भी प्रसन्न होते हैं. इसके पाठ से सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. 

श्री विष्णु चालीसा

दोहा

विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय।

चौपाई 

नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी, त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥
सुन्दर रूप मनोहर सूरत, सरल स्वभाव मोहनी मूरत ।
तन पर पीताम्बर अति सोहत, बैजन्ती माला मन मोहत ॥

शंख चक्र कर गदा विराजे, देखत दैत्य असुर दल भाजे ।
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे, काम क्रोध मद लोभ न छाजे ॥
सन्तभक्त सज्जन मनरंजन, दनुज असुर दुष्टन दल गंजन ।
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन, दोष मिटाय करत जन सज्जन ॥

पाप काट भव सिन्धु उतारण, कष्ट नाशकर भक्त उबारण ।
करत अनेक रूप प्रभु धारण, केवल आप भक्ति के कारण ॥
धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा, तब तुम रूप राम का धारा ।
भार उतार असुर दल मारा, रावण आदिक को संहारा ॥

आप वाराह रूप बनाया, हिरण्याक्ष को मार गिराया ।
धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया, चौदह रतनन को निकलाया ॥
अमिलख असुरन द्वन्द मचाया, रूप मोहनी आप दिखाया ।
देवन को अमृत पान कराया, असुरन को छवि से बहलाया ॥

Nautapa 2022: रोहिणी नक्षत्र में सूर्य का होने वाला है प्रवेश, बढ़ सकती है गर्मी

कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया, मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया ।
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया, भस्मासुर को रूप दिखाया ॥
वेदन को जब असुर डुबाया, कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया ।
मोहित बनकर खलहि नचाया, उसही कर से भस्म कराया ॥

असुर जलन्धर अति बलदाई, शंकर से उन कीन्ह लड़ाई ।
हार पार शिव सकल बनाई, कीन सती से छल खल जाई ॥
सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी, बतलाई सब विपत कहानी ।
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी, वृन्दा की सब सुरति भुलानी ॥

देखत तीन दनुज शैतानी, वृन्दा आय तुम्हें लपटानी ।
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी, हना असुर उर शिव शैतानी ॥
तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे, हिरणाकुश आदिक खल मारे ।
गणिका और अजामिल तारे, बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे ॥

Laddu Gopal Chalisa मनोकामनाओं को पूर्ण करती है यह चालीसा

हरहु सकल संताप हमारे, कृपा करहु हरि सिरजन हारे ।
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे, दीन बन्धु भक्तन हितकारे ॥
चाहता आपका सेवक दर्शन, करहु दया अपनी मधुसूदन ।
जानूं नहीं योग्य जब पूजन, होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन ॥

शीलदया सन्तोष सुलक्षण, विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण ।
करहुं आपका किस विधि पूजन, कुमति विलोक होत दुख भीषण ॥
करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण, कौन भांति मैं करहु समर्पण ।
सुर मुनि करत सदा सेवकाई, हर्षित रहत परम गति पाई ॥

दीन दुखिन पर सदा सहाई, निज जन जान लेव अपनाई ।
पाप दोष संताप नशाओ, भव बन्धन से मुक्त कराओ ॥
सुत सम्पति दे सुख उपजाओ, निज चरनन का दास बनाओ ।
निगम सदा ये विनय सुनावै, पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै ॥

॥ इति श्री विष्णु चालीसा ॥

विष्णु चालीसा का महत्व

भगवान विष्णु चालीसा के पाठ से व्यक्ति को जीवन में धन-वैभव-ऐश्वर्य की  प्राप्ति होती है. साथ ही उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. वह इसलिए क्योंकि भगवान श्री हरी शक्ति और ज्ञान के स्वामी हैं.

Hanuman Chalisa : दिन में इतनी बार करें पाठ तो मिलेगा शुभ फल

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर

Url Title
Shri Vishnu Chalisa On the day of Ekadashi Shri Hari is pleased with the recitation of Vishnu Chalisa
Short Title
Shri Vishnu Chalisa: एकादशी के दिन विष्णु चालीसा के पाठ से प्रसन्न होते हैं श्री
Article Type
Language
Hindi
Created by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Vishnu Chalisa, Vishnu Chalisa, Vishnu  Chalisa  in Hindi, Vishnu Chalisa, Vishnu Chalisa lyrics, Vishnu Chalisa benefits, Vishnu Chalisa Importance, Vishnu Chalisa meaning, Vishnu Chalisa text, Vishnu Chalisa lyrics in hindi, Vishnu Chalisa  paath
Caption

विष्णु चालीसा

Date updated
Date published
Home Title

Shri Vishnu Chalisa: एकादशी के दिन विष्णु चालीसा के पाठ से प्रसन्न होते हैं श्री हरी