डीएनए हिंदी: सनातन संस्कृति में प्रभु श्रीराम बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करते हैं. उनके जन्मदिवस को देशभर में हर्ष और उल्लास के साथ रामनवमी पर्व(Ram Navami 2022) के रूप में मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रीराम का जन्म हुआ था. इस वर्ष राम नवमी पर्व 10 अप्रैल के दिन मनाया जाएगा. बता दें कि इस वर्ष राम नवमी पर्व(Ram Navami Festival) पर अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं. इस वर्ष तीन शुभ योग होने के कारण इसे त्रिवेणी नाम भी दिया गया है.
त्रिवेणी संयोग को बहुत ही शुभ माना गया है. इस वर्ष राम नवमी पर रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग उत्पन्न हो रहे हैं. यह तीनों योग इस पर्व को अत्यंत शुभ बना रहे हैं. यदि आप मकान, वाहन खरीदने की सोच रहे हैं, तो उसके लिए यह दिन बहुत शुभ है.
पञ्चाङ्ग के अनुसार किसी भी विशेष कार्य को प्रारंभ करने लिए और सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह दिन बहुत ही उत्तम माना गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रभु श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था, उस समय चैत्र शुक्ल नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र में कर्क लग्न का उदय था और पांच ग्रह सूर्य, मंगल, शनि, शुक्र और बृहस्पति उच्च स्थान पर विद्यमान थे. आइए जानते हैं राम नवमी पर्व की तिथि और शुभ मुहूर्त के विषय में.
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राम नवमी शुभ मुहूर्त(Ram Navami Shubh Muhurat 2022)
10 अप्रैल, दिन रविवार, दोपहर 01:23: चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का प्रारंभ
11 अप्रैल, दिन सोमवार, दोपहर 03:15: चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का समापन
सुबह 11:06 बजे से दोपहर 01:39 बजे तक: श्रीराम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त
दोपहर 12:04 से दोपहर 12:53 तक: शुभ समय
आपको श्रीराम की पूजा के लिए ढाई घंटे से अधिक का समय मिलेगा
राम नवमी के दिन सुकर्मा योग दोपहर 12:04 तक है, वहीं पुष्य नक्षत्र पूर्ण रात्रि तक है. विजय मुहूर्त दोपहर 02:30 बजे से दोपहर 03:21 बजे तक है और अमृत काल रात 11:50 बजे से देर रात 01:35 बजे तक है. राम नवमी के दिन राहुकाल शाम 05:09 मिनट से शाम 06:44 मिनट तक रहेगा.
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श्रीराम जन्मोत्सव(Shri Ram Birthday)
चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन अयोध्या में धूम-धाम से राम जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस पर्व पर श्रीराम के संग उनके सभी छोटे भाई भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का भी जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं और शुद्ध मन से पूजा-अर्चना करते हैं. इस दिन पूजा के बाद श्रीराम के मंत्रों का जाप किया जाता है और रामचरितमानस व रामायण का पाठ किया जाता है.
यदि आप घर पर श्रीराम के जन्मोत्सव मनाने का विचार कर रहे हैं तो उनके पालने को फूल, मालाओं से सजाएं. उनके लिए नए वस्त्र, मुकुट आदि समग्रियों की व्यवस्था कर लें. शुभ मुहूर्त में रामलला का जन्मदिन मनाएं और आसपास लोगों में प्रसाद के रूप में मिठाई अवश्य बांटें. इससे आप पर श्रीराम की कृपा अवश्य बनेगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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