डीएनए हिंदी : शनिवार का दिन कर्मफलदाता शनि देव(Shani Puja on Shanivar) की पूजा-अर्चना के लिए है. आज शनि देव को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत रखते हैं, उनसे जुड़ी वस्तुओं का दान करते हैं, नीले फूल, सरसों के तेल, तिल के तेल, काले या नीले वस्त्र विशेष रुप से अर्पित करते हैं.
शनि स्त्रोत के पाठ से पूरी होती है मनोकामना
शनिवार(Shani Puja on Shanivar) के दिन कई लोग गरीब, असहाय, रोगी और जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं, ताकि शनि देव की कृपा प्राप्त हो. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप शनि स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं.
यह एक ऐसा उपाय है, जिससे शनि देव के प्रसन्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है क्योंकि इस शनि स्त्रोत की रचना श्रीराम के पिता और अयोध्या के राजा दशरथ ने शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ही की था. प्रसन्न होने के बाद शनिदेव अपने भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूरी करते हैं.
Shanivar पूजा विधि
सुबह स्नान के बाद किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा अर्चना(Shani Puja on Shanivar) करें. उसके बाद मंदिर में एक आसान पर बैठकर पूरे मन से शनि स्तोत्र का पाठ प्रारंभ करें. शनि देव की तस्वीर या मूर्ति घर में नहीं रखते हैं, इसलिए आप मंदिर में जाकर पूजा करें. शनि स्तोत्र के बाद शनि देव की आरती विधि पूर्वक करें. शनि स्तोत्र का पाठ करने के पश्चात कर्मफलदाता से अपनी मनोकामना व्यक्त करें.
शनिवार को गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए -
शनिवार की पूजा के सहारे गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए तीन मिट्टी के छोटे पात्र लें. एक में दूध, दूसरे में चावल और तीसरे में एक फल को रख दें. इन पात्रों को ठीक से ढक दें. सायंकाल के बाद गोधुली बेला में पीपल वृक्ष के पास उसपर मिट्टी का दीपक जलाकर अपनी मनोकामना का स्मरण करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Shani Puja Vidhi : राजा दशरथ के लिखे ‘शनि स्त्रोत’ को पढ़कर मनाएं शनिदेव को