डीएनए हिंदी: Niti Shatakam- कई बार हमने सुना होगा कि ज्ञान के बिना जीवन व्यर्थ है. लेकिन विद्वानों ने यह भी समझाया है कि अच्छे शिक्षक के बिना आधा-अधूरा ज्ञान भी विष के समान है. कहा जाता कि भारत उन सौभाग्यशाली देशों में से था जहां ज्ञान को सर्वोच्च स्थान पर रखा गया था. आज भी विभिन्न क्षेत्रों में इसका प्रभाव देखा जा सकता है. इस देश में कई ऐसे विद्वान शिक्षकों ने जन्म लिया जिन्होंने मनुष्य को सही मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया. महर्षि भर्तृहरि उन्हीं शिक्षकों में से एक थे. महर्षि भर्तृहरि (Bhartrihari Niti) ने अनेक नीतियों का प्रतिपादन किया जिसे नीतिशतक के रूप में जाना जाता है. नीतिशतक में बताया गया है कि व्यक्ति किस तरह अपने जीवन को सुगम और सफल बना सकता है. आइए जानते हैं किस प्रकार के व्यक्ति से बना लेनी चाहिए दूरी और कैसे खत्म किया जा सकता है एक व्यक्ति का अभिमान. 

ऐसे व्यक्ति से बना लें दूरी (Niti Shatakam By Bhartrihari)

व्यालं बालमृणालतन्तुभिरसौ रोद्धुं समुज्जृम्भते
छेत्तुं वज्रमणीञ्छिरीषकुसुमप्रान्तेन सन्नह्यते ।
माधुर्यं मधुबिन्दुना रचयितुं क्षाराम्बुधेरीहते
नेतुं वाञ्छति यः खलान्पथि सतां सूक्तैः सुधास्यन्दिभिः ।।

नीतिशतक के इस श्लोक में बहुत महत्वपूर्ण विषय को बताया गया है. इसमें कहा गया है कि विद्वान अथवा शिक्षाप्रद व्यक्ति द्वारा दुष्ट व्यक्ति को सुमार्ग पर लाने का प्रयास ठीक उसी प्रकार है जैसे एक मदमस्त हाथी को कमल की छोटी पंखुड़ियों से अपने वश में करना है. या सबसे कठोर चीज हीरे को फूल से काटना या खारे पानी से भरे समुद्र में एक बूंद शहद डालना है. इसलिए ऐसे व्यक्ति से दूर रहना ही समझदारी का काम है. वह इसलिए क्योंकि यह अंभव कार्यों में से एक है. डर इस बात का भी है कि आप भी उसकी संगति में दुष्ट बन सकते हैं. 

Niti Shatakam: महर्षि भर्तृहरि कहते हैं, नहीं रखा इन चीज़ों का ध्यान तो जीवन क्या जिया

इस तरह तोड़ें अहंकारी का अभिमान (Bhartrihari Niti in Hindi)

यदा किंचिज्ज्ञोऽहं द्विप इव मदान्धः समभवं
तदा सर्वज्ञोऽसमीत्यभवदवलिप्तं मम मनः ।
यदा किंचित्किंचिद्बुधजनसकाशादवगत
तदा मूर्खोस्मीति ज्वर इव मदो मे व्यपगतः ।।

इसमें महर्षि भर्तृहरि 'मैं' का संदर्भ मनुष्य के लिए देते हुए बताते हैं कि जब मैं अज्ञानी था तब मदमस्त हाथी तरह अभिमान में अंधा होकर स्वयं को सर्वज्ञानी समझता था. लेकिन जैसे ही मैंने विद्वानों को संगति को अपनाया और मुझे ज्ञान प्राप्त हुआ मैंने खदको सबसे बड़ा अज्ञानी पाया. इस तरह मेरा अहंकार जो बुखार की तरह चढ़ा हुआ वह सब उतर गया. इसलिए अहंकारी व्यक्ति को अभिमान तोड़ने के लिए उसे ज्ञान से परिचित कराना बहुत आवश्यक है. ऐसा करने से उसके भीतर की खामियां उभरकर सामने आती हैं और वह अभिमान को त्याग देता है.

Niti Shatakam: ऋषि Bhartrihari की 4 बातें जो आपकी ज़िंदगी से टेंशन दूर रखेंंगी

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर

Url Title
Niti Shatakam know can we take down the man ego and know nitishatak important quotes
Short Title
Niti Shatakam: तोड़ना चाहते हैं घमंडी का अभिमान तो ज़रूर करें यह काम
Article Type
Language
Hindi
Created by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Niti Shatakam, niti shatakam in hindi, niti shatakam bhartrihari, bhartrihari muni, nitishatak, Bhartrihari Niti, नीतिशतक, नीति शतकम, भर्तृहरि
Caption

Niti Shatakam, Niti Shatakam in Hindi, नीतिशतक

Date updated
Date published
Home Title

Niti Shatakam: तोड़ना चाहते हैं घमंडी का अभिमान तो ज़रूर करें यह काम