डीएनए हिंदी: शास्त्रों में कई उपवासों का वर्णन किया गया है, लेकिन एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat 2022) को सभी व्रतों में उत्तम और फलदायी बताया गया है. एकादशी व्रतों का न केवल ज्योतिषाचार्य महत्वपूर्ण मानते हैं बल्कि इसका उल्लेख महाभारत में भी किया गया है. भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं पांडवों में श्रेष्ठ युधिष्ठिर और धनुर्धर अर्जुन को एकादशी व्रत के बारे में बाताया था. निर्जला एकादशी व्रत (Nirjala Ekadashi Vrat 2022) इन सबमें से एक है जिसमें व्रत करने वाले लोग बिना खाए पिए उपवास रखते हैं. हिन्दू धर्म में इस व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. मान्यता यह भी है कि जो व्यक्ति सफलतापूर्वक इस व्रत को संपन्न करता है उसे मनवांछित फल और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
कब है निर्जला एकादशी व्रत (Nirjala Ekadashi 2022 Date)
हिंदू कैलेंडर के तीसरे माह ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है.
निर्जला एकादशी 2022 तिथि और व्रत आरंभ: 10 जून 2022, शुक्रवार सुबह 07:25 मिनट से
व्रत और तिथि का समापन: 11 जून 2022, शनिवार शाम 05:45 मिनट पर समाप्त
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निर्जला एकादशी पूजा विधि
एकादशी के दिन सुबह स्नान-ध्यान करके भगवान श्री विष्णु का स्मरण करें. इसके बाद पीले रंग का वस्त्र धारण करें और भगवान की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं. इसके साथ जो भक्त इस दिन व्रत रख रहें हैं, वे भगवान श्री हरी के सामने एकादशी व्रत कथा का पाठ करें या उसे सुनें. ध्यान रहे कि आप इस दिन जल या भोजन ना ग्रहण करें और सभी नियमों का पालन करें. मान्यता यह है कि 24 घंटे तक अन्न-जल त्याग कर भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Nirjala Ekadashi 2022: जानिए कब रखा जाएगा भगवान विष्णु प्रिय निर्जला एकादशी व्रत