डीएनए हिंदी: महादेव अपने भक्तों से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं. इसलिए उन्हें 'देवों के देव' की उपाधि प्राप्त है. आज हम भगवान शिव के एक ऐसे महामंत्र के विषय में जानने वाले हैं, जिसका जाप करने से भोलेनाथ ( Bhagwan Shiv ) हर पीड़ा को दूर कर देते हैं. वह चमत्कारी मंत्र है 'महामृत्युंजय मंत्र' ( Mahamrityunjaya Mantra ). इसे शास्त्रों में भगवान शिव का अति-प्रिय मंत्र भी वर्णित किया गया है. मान्यता यह है कि इस मंत्र को जपने से व्यक्ति सभी प्रकार की कठिनाइयों पर जीत हासिल कर लेता है. यहां तक कि व्यक्ति असमय मृत्यु को भी पछाड़ सकता है लेकिन इस मंत्र के कुछ नियम हैं जिन्हें जानना बहुत जरूरी है.
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
मान्यता यह है कि 108 बार महामृत्युंजय मंत्र के जाप से कई तरह के लाभ मिलते हैं. 1100 बार जपने से भय से मुक्ति मिलती है और 11000 बार इस मंत्र का जाप करने से कई प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है. सवा लाख बार इस चमत्कारी मंत्र का जाप करने से पुत्र प्राप्ति और अकाल मृत्यु का भय टल जाता है.
Mahamrityunjaya Mantra को जपते समय इन बातों का रखें ध्यान
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सुबह शाम इन मंत्रों का जाप करें.
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रुद्राक्ष माला की मदद से इन मंत्रों का जाप करें.
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महादेव के सामने इन मंत्रों के जाप करने से अधिक लाभ मिलता है.
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शुद्ध मन से इस मंत्र का जाप करें.
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मंत्रोच्चारण में शुद्धता अधिक आवश्यक है.
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मंत्र का जाप करते समय संख्या निर्धारित जरूर कर लें, धीरे-धीरे उसे बढ़ाते रहें.
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पूर्व दिशा में मुंह करके ही इस मंत्र का जाप करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Mahamrityunjaya Mantra: इसका जाप करते समय रखें इन बातों का ध्यान, मिलेंगे कई फायदे