डीएनए हिंदी: घर में सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए हम कई प्रकार के उपाय करते हैं. इन्हीं में से एक उपाय है घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक (Swastika Vastu) चिन्ह बनाना. सनातन धर्म में स्वास्तिक को बहुत शुभ माना गया है, किसी भी नई चीज पर जैसे घर या गाड़ी पर स्वास्तिक चिन्ह जरूर बनाया जाता है. घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक चिन्ह बनाने से घर-परिवार में खुशियां आती है और शुभ समाचार मिलते हैं.
वास्तु शास्त्र में भी स्वास्तिक चिन्ह (Swastika Vastu) को शुभ बताया गया है. साथ में इस बात से भी सचेत किया गया है कि गलत जगह पर या गलत तरीके से स्वास्तिक चिन्ह बनाने से नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है. आइए जानते हैं स्वास्तिक चिन्ह बनाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
Swastika बनाते समय किन बातों का रखें ध्यान?
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मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें सिंदूर का इस्तेमाल जरूर हो. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है.
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स्वास्तिक बनाते समय इसका ध्यान रखें कि वहां जूते-चप्पलों का अम्बार ना हो. इसके साथ ही दरवाजे पर धूल-मिट्टी ना हो.
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स्वास्तिक के आकार का भी ध्यान रखना जरूरी होता है. कई प्रकार के वास्तु-दोषों को कम करने में स्वास्तिक को बेहद कारगर माना जाता है. इसलिए ध्यान रखें कि ये पवित्र चिह्न कम से कम नौ उंगली लंबा और चौड़ा हो.
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मुख्य द्वार पर बने स्वास्तिक के आसपास आम, पीपल या अशोक के पत्तों की माला बनाकर बांध दें. यह शुभ माना जाता है.
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मुख्यद्वार के साथ-साथ आंगन के बीच में भी स्वास्तिक चिह्न बनाना शुभ माना जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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घर के मुख्य द्वार पर Swastika बनाते समय रखें इन बातों का ध्यान