वास्तु शास्त्र में बताई गई सभी बातों का पालन करेंगे तो जीवन सुखी और सफल होगा. पारिस्थितिकी में सभी पहलुओं का विशेष महत्व है. यानी अगर आप कोई चीज गलत दिशा में रखेंगे या कोई काम गलत दिशा में करेंगे तो इसका आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इसी तरह, यह आपको यह भी बताता है कि पढ़ते समय आपके बच्चों का मुंह किस ओर होना चाहिए.
क्योंकि कई बार बच्चे खूब मेहनत से पढ़ाई करने के बावजूद भी परीक्षा में अपेक्षित परिणाम नहीं प्राप्त कर पाते. इसके लिए आस-पास का वातावरण भी बहुत महत्वपूर्ण है. यानी अगर बच्चों के बैठने और पढ़ाई करने का स्थान और दिशा वास्तु के हिसाब से सही नहीं है तो परेशानियां हो सकती हैं.
यदि बच्चों के अध्ययन की दिशा वास्तु के अनुसार अच्छी है, तो वे परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. दूसरे शब्दों में, यदि बच्चों के पढ़ने की दिशा वास्तु के अनुरूप है, तो यह माना जाता है कि बच्चे की सफलता का मार्ग सुगम है. तो आइए इस पोस्ट में जानते हैं कि वास्तु के अनुसार पढ़ाई करते समय बच्चों का मुंह किस दिशा में होना चाहिए.
इस दिशा में मुंह रखकर पढ़ना बना देगा सफल
वास्तु शास्त्र कहता है कि सोते समय आपके बच्चे का मुंह पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए. यदि ये दोनों दिशाएं संभव न हों तो बच्चे उत्तर दिशा की ओर मुख करके पढ़ाई कर सकते हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण को पढ़ाई के लिए भी अच्छा माना जाता है. इसलिए, आप अपने बच्चे को इस दिशा की ओर मुंह करके पढ़ने दे सकते हैं. यदि आप इस दिशा में मुंह करके बैठेंगे तो आपके बच्चे का दिमाग तेजी से काम करेगा और वह तेजी से समझ और पढ़ सकेगा.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए वास्तु विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments

पढ़ते समय मुंह किस दिशा में होना चाहिए?
पढ़ते समय मुंह इस दिशा में रखेंगे तो हर कॉम्पिटिशन होगा क्रैक और एग्जाम करेंगे टॉप