डीएनए हिंदी: Chanakya Niti Quotes- दान का महत्व जीवन में सबसे अधिक होता है. इससे न केवल आत्म-संतुष्टि प्राप्त होती है बल्कि माना यह भी जाता है कि दान करने से पुण्य की प्राप्ति भी होती है. ऐसा भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करता है उससे स्वयं देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं. दान के इसी महत्व को आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में समझाया है. चाणक्य नीति में न केवल राजनीति या कूटनीति के विषय में बताया गया है बल्कि जीवन की महत्वपूर्ण बातों को संलिप्त किया गया है. इन नीतियों को समझने से व्यक्ति सफलता के मार्ग पर अपने-आप चलने लगता है. आचार्य चाणक्य को विश्व के श्रेष्टतम विद्वानों में गिना जाता है. यही कारण है कि उनकी नीतियों का अनुसरण आज भी किया जाता है. चाणक्य नीति के इस भाग में आइए जानते हैं जीवन में दान करने का क्या महत्व है. 

इसलिए किया जाना चाहिए दान (Chanakya Niti Inspiration)

नान्नोदकसमं दानं न तिथिर्द्वादशी समा । 
न गायत्र्याः परो मन्त्रो न मातुर्दैवतं परम् ।।

इस श्लोक का अर्थ है कि अन्न और जल के दान के समान कोई कार्य नहीं, द्वादशी के समान कोई तिथि नहीं, गायत्री के समान कोई मंत्र नहीं और मां से बढ़कर कोई देवता नहीं. 

आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति दान करने से सुख और पुण्य की प्राप्ति होती है. इसलिए व्यक्ति को सामर्थ्य के अनुसार दान करना चाहिए. इसके साथ सभी तिथियों में द्वादशी प्रधान है और मंत्रों में गायत्री मंत्र का सबसे अधिक महत्व है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह माना जाता है कि गायत्री मंत्र के जाप से मन-मस्तिष्क की शुद्धि होती है. चाणक्य नीति में सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा दी गई है कि सभी देवी-देवताओं में मां से बढ़कर और कोई भगवान नहीं. इसलिए उनका आदर सदैव करना चाहिए और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करनी चाहिए. 

Chanakya Niti: बुद्धिमान व्यक्ति पाता है सुख, विपत्तियों से लड़ने की मिलती है ताकत

दान करने से इसमें वृद्धि होती है (Chanakya Niti Motivation)

दानेन पाणिर्न तु कङ्कणेन स्नानेन शुद्धिर्न तु चन्दनेन । 
मानेन तृप्तिर्न तु भोजनेन ज्ञानेन मुक्तिर्न तु मण्डनेन ।।

चाणक्य नीति के इस श्लोक में बताया गया है कि दान करने से हाथों की सुंदरता बढ़ती है ना कि कंगन पहनने से, शरीर स्नान करने से शुद्ध होता है चंदन का लेप लगाने से नहीं. मान-सम्मान पाने से ही तृप्ति मिलती है भोजन करने से नहीं और मोक्ष की प्राप्ति ज्ञान से होती है शृंगार से नहीं. 

इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने बताया है कि व्यक्ति को दान करने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि दान करने से ही हाथों की सुंदरता बढ़ती है और संतुष्टि होती है. आचार्य चाणक्य ने आगे बताया है कि शरीर का शुद्धिकरण चंदन के लेप से खुशबूदार इत्र से नहीं होता है, बल्कि इसका सही माध्यम स्नान करना है. इससे शरीर कई प्रकार के रोगों से दूर रहता है. फिर बताया गया है कि मन और मस्तिष्क मान-सम्मान से तृप्त होता है भोजन से केवल पेट भरा जा सकता है और मोक्ष की प्राप्ति के लिए ज्ञान जरूरी है शृंगार का काम तो शरीर को केवल सुंदर प्रदर्शित करना है.

Chanakya Niti: सोच-समझ कर करते हैं काम तो बनी रहती है माता लक्ष्मी की कृपा

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
chanakya niti in hindi know how donation can bring happiness in life
Short Title
Chanakya Niti: दान से बढ़ती है हाथों की सुंदरता, जानिए क्या है दान का महत्व
Article Type
Language
Hindi
Created by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Chanakya Niti, Chanakya Niti Hindi, Chanakya Niti Motivation, Chanakya Niti Quotes, चाणक्य नीति
Caption

Chanakya Niti, Chanakya Niti Hindi, चाणक्य नीति

Date updated
Date published
Home Title

Chanakya Niti: दान से बढ़ती है हाथों की सुंदरता, जानिए क्या है दान का महत्व