इसरो का स्पैडेक्स मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं के लिए मील का पत्थर साबित हुआ. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने गुरुवार सुबह अंतरिक्ष में दो भारतीय उपग्रहों को डॉक या मेटिंग करने में सफलता हासिल की. यह स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट या स्पैडेक्स का हिस्सा है. यह चौथा प्रयास था जब भारतीय वैज्ञानिकों ने आखिरकार मछली की आंख पर निशाना साध ही लिया. हालांकि इसरो को इस तकनीक पर महारत हासिल करने से पहले कई और डॉकिंग परीक्षणों की जरूरत होगी.

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इसरो ने डॉकिंग की सफ़लता का यूं किया ऐलान
लगभग 10 बजे इसरो ने डॉकिंग की सफ़लता की घोषणा की. इसरो ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- 'अंतरिक्ष यान की डॉकिंग सफ़लतापूर्वक पूरी हुई. यह एक ऐतिहासिक क्षण था. 15 मीटर से 3 मीटर होल्ड पॉइंट तक की डॉकिंग पूरी हुई. स्पेसक्राफ्ट का डॉकिंग से लेकर वापसी तक काफी सुचारु रूप से संपन्न हुई. भारत अंतरिक्ष डॉकिंग में सफ़लता पाने वाला चौथा देश बन गया. पूरी टीम को बधाई! भारत को बधाई!

 

PM मोदी ने इसरो को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर इसरो के वैज्ञानिकों को उपग्रहों की अंतरिक्ष डॉकिंग के सफल प्रदर्शन के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा, "यह आने वाले वर्षों में भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है."

 

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कैसे इसरो ने हासिल किया खास मुकाम
स्पेसक्राफ्ट की डॉकिंग एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है और इसरो ने एक पखवाड़े से अधिक समय तक कई परीक्षण करके सावधानीपूर्वक इसका प्रयास किया. भारत ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित भारतीय डॉकिंग प्रणाली का उपयोग किया. डॉकिंग से ठीक पहले सैटेलाइट 10 मिलीमीटर प्रति सेकंड की गति से एक दूसरे के करीब आ गए.

ये 3 तीन देश हैं डॉकिंग के महारथी
इसरो ने पृथ्वी से 475 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में परिक्रमा कर रहे दो भारतीय उपग्रहों को डॉक करने में सफलता हासिल की. रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश बन गया है जिसने सफलतापूर्वक डॉक करना सीख लिया है. भारत ने 30 दिसंबर 2024 को PSLV रॉकेट का इस्तेमाल करके SpaDeX मिशन लॉन्च किया था. डॉकिंग चंद्रयान-4 और इंडियन स्पेस स्टेशन जैसे भविष्य के मिशनों के लिए एक सक्षम तकनीक है. 12 जनवरी 2025 को डॉकिंग के अंतिम प्रयास में सैटेलाइट्स को आगे पीछे किया गया और जब ये काफी करीब आ गए तो इसरो ने इसे सैटेलाइट्स का हैंडशेक कहा.

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भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने आज सुबह बताया कि दो भारतीय उपग्रह अंतरिक्ष में डॉकिंग के परीक्षण के प्रयास में तीन मीटर तक करीब आ गए थे और अब वे पीछे की ओर जा रहे हैं. स्पैडेक्स मिशन में दो सैटेलाइट्स एसडीएक्स01 (चेज़र) और एसडीएक्स02 (टारगेट) को पीएसएलवी सी60 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया गया और 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया गया.

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PM Modi congratulated on the success of SpaDeX Mission, know why ISRO's space docking experiment is special for india
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ISRO SpaDeX Mission: PM मोदी ने दी बधाई, क्यों खास है स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट?
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इसरो का स्पैडेक्स मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं के लिए मील का पत्थर साबित हुआ. जानें क्यों भारत के लिए खास है स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट
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ISRO SpaDeX Mission: क्यों खास है स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट