23 अगस्त, 2023 को भारत ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराकर इतिहास रच दिया था. उससे पहले चांद की इस सतह किसी भी देश ने अपना अंतरिक्ष यान नहीं उतारा था. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिए यह ऐतिहासिक उपलब्धि थी. चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के लेकर इसरो ने अब बड़ा खुलासा किया है. इसरो ने बताया कि मिशन खत्म होने के बाद भी विक्रम ने चांद की सतह पर उछल कूद की थी.
इसरो ने कहा कि सितंबर 2023 में विक्रम लैंडर का इंजन फिर से सक्रिय हो गया था. जिसके बाद मूल लैंडिंग प्वाइंट से करीब 30-40 सेंटीमीटर दूर वह फिर से छलांग लगाने लगा. इसरो ने कहा कि लैंडिंग के बाद विक्रम में कुछ प्रोपेलेंट बच गया था. जिसके इस्तेमाल को लेकर वैज्ञानिकों के बीच मतभेद था. कुछ वैज्ञानिकों का मानना था कि हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए, जबकि कुछ इसके समर्थन में नहीं थे.
ISRO ने दिया हॉप टेस्ट करने का निर्देश
उनका कहता था कि अतिरिक्त प्रयोग का आवश्यता नहीं है. हमारा मिशन पूरा हो चुका है. आखिरकार इसरो ने एक अप्रत्याशित फैसला लिया और विक्रम लैंडर को हॉप टेस्ट करने का निर्देश दिया. सितंबर के महीने में विक्रम लैंडर फिर से ऊपर उठा और मूल लैंडिंग पॉइंट से कुछ दूर जाकर लैंड किया. इससे टेस्ट से यह पता चला कि लैंडर के इंजन को री-इग्राइट किया जा सकता है. यह भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण होगा.
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ISRO प्रमुख वी नारायण ने चंद्रयान 3 मिशन से जुड़ी घटनाओं को याद करते हुए कहा, 'विक्रम के लैंडिंग के दौरान काफी तनाव था. लेकिन प्रणोदन प्रणाली ने पूरी तरह से काम किया और चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद की सतह पर उतरा. इस मिशन पर पूरी दुनिया की नजर थी.'
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Chandrayaan-3
Chandrayaan-3: मिशन खत्म होने के बाद भी विक्रम लैंडर ने 40 सेंटीमीटर दूर लगाई थी छलांग, ISRO का बड़ा खुलासा