डीएनए हिंदी. इथोपिया अफ्रीका का एक देश है. यहां बीते एक साल से गृह युद्ध चल रहा है. इथोपिया लंबे समय से अकाल और टिड्डियों के आक्रमण का शिकार रहा है. कोरोना महामारी के बाद इथोपिया की अर्थव्यवस्था और भी चरमरा गई है. इतनी सारी मुसीबतों को झेलते हुए इथोपिया की कहानी आगे किस मोड़ पर मुड़ेगी ये कहना मुश्किल है लेकिन इस देश के बारे में एक बेहद दिलचस्प बात ये है कि यहां समय काफी सुस्त चाल से चलता है. अगर कभी आपने बीते हुए समय में लौटने का सोचा हो तो आप इथोपिया जाकर अपनी इस इच्छा को पूरा कर सकते हैं.
13 महीने का होता है कैलेंडर
इस समय पूरी दुनिया में जहां साल 2021 चल रहा है वहीं इथोपिया अभी साल 2014 में ही है. वजह ये है कि इथोपिया का कैलेंडर बाकी दुनिया के कैलेंडर से काफी अलग है. यहां के कैलेंडर में साल में 12 नहीं 13 महीने होते हैं. यहां का कैलेंडर बाकी दुनिया से 7 साल 3 महीने पीछे रहता है.
ग्रेगोरियन कैलेंडर को नहीं मानते यहां के लोग
पूरी दुनिया में ग्रेगोरियन कैलेंडर का पालन किया जाता है. इस कैलेंडर की शुरुआत 1582 में हुई थी. इससे पहले दुनिया में जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल होता था. पोप ग्रेगोरी 13वें ने जूलियन कैलेंडर में सुधार करते हुए 1 जनवरी को नए साल की शुरुआत का दिन तय किया और इस तरह ग्रेगोरियन कैलेंडर तैयार हुआ. उस वक्त कई देशों ने इस कैलेंडर का विरोध किया. इन देशों में इथोपिया भी एक था. यही वजह है कि इथोपिया आज भी पुराने जूलियन कैलेंडर का ही इस्तेमाल कर रहा है. इस कैलेंडर में एक साल में 13 महीने होते हैं. इनमें से 12 महीनों में 30 दिन होते हैं. आखिरी महीना पाग्युमे कहलाता है जिसमें पांच या छह दिन आते हैं. यह महीना साल के उन दिनों की याद में जोड़कर बनाया गया है जो किसी वजह से साल की गिनती में नहीं आ पाते हैं. हालांकि अब इथोपियाई लोग ग्रेगोरियन कैलेंडर को लेकर भी जागरुक हो चुके हैं और इसका इस्तेमाल भी करने लगे हैं.
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