बार्बी डॉल की ख़ूबसूरती के मुरीद बच्चे ही नहीं, अक्सर बड़े भी होते हैं. सुन्दर कपड़ों और गेटअप में सजी गुड़िया बच्चों की ख़ास पसंद होती है, पर क्या मालूम है आपको कई देशों में बार्बी डॉल नहीं बिकती. उसकी जगह बार्बी की हमशक्ल गुड़िया फुल्ला मिलती है.
क्या है फुल्ला?
बार्बी डॉल को सराहा उसके आधुनिक वेश-भूषा की वजह से जाता है. भिन्न व्यवसायिक परिधानों में सजी इन गुड़ियाओं को एक एस्पिरेशन के तौर पर देखा जाता है, पर कई देशों तक बार्बी डॉल अपने इन्हीं कपड़ों की वजह से अपनापन नहीं पा सकी है. यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE), नॉर्थ अफ्रीका, ब्राजील, चीन के कुछ हिस्सों और इंडोनेशिया में बार्बी की जगह फुल्ला डॉल को पसंद किया जाता है. यह पसंद बच्चों की हो या न हो, बड़े अक्सर अपने बच्चों के लिए फुल्ला डॉल खरीदना चाहते हैं. यह डॉल सर से पाँव तक कपड़ों से ढकी हुई होती है. कई बार इन डॉल्स को बुर्का या हिजाब भी पहनाया जाता है.
क्या है फुल्ला डॉल पसंद करने की वजह?
फुल्ला डॉल पसंद करने की वजह बच्चों के माँ- पिता के द्वारा इन गुड़ियाओं के ज़रिये आदर्श स्थापित करने की मंशा भी है. वे पूरे कपड़ों वाली गुड़िया के सहारे अपनी बेटियों को वैसे ही ड्रेसअप करने और तैयार होने की ओर मोड़ना चाहते हैं. इसे बनाने वाली सीरियन कंपनी ने इन डॉल्स को बार्बी की आधुनिकता के बरक्स परम्परागत मुस्लिम कपड़ों में लॉन्च किया था.
बार्बी से इतर फुल्ला गुड़िया केवल दो पेशेवर भूमिका में नज़र आती हैं. पहला डॉक्टर और दूसरा टीचर. इन दोनों पेशों को परम्परागत समाज में आदर्श पेशे के तौर पर देखा जाता है. इसके अतिरिक्त फुल्ला गुड़िया केवल घरेलु स्त्री के तौर पर नज़र आती हैं.
तारीफ़ और प्रशंसा
हालाँकि कई परम्परागत परिवारों में फुल्ला गुड़िया की तारीफ़ होती है, प्रोग्रेस्सिव तबके में इसका काफ़ी विरोध किया गया है. इसे लड़कियों की सोच को कुंद कर देने वाली गुड़िया भी कहा जाता है.
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