डीएनए हिंदी : शरीर के कुछ अहसास केवल महसूस किए जाते हैं. उन्हें बयान करना मुश्किल होता है. हॉर्नीनेस (Why Do People Feel Horny) या हॉर्नी होने का अहसास भी लगभग यही है. सवाल उठता है कि यह होता क्या है ? डिस्क्शनरी की मानें तो सेक्सुअली उत्तेजित या एक्साइटेड होने को या फिर यौनिक इच्छाओं को पूरा करने की चाह को हॉर्नी होना कहा जाता है. यह वह अहसास है जब दिमाग दुनिया भर की फैंटेसी को जी लेना चाहता है और शरीर में कुछ ज़बरदस्त हॉर्मोन का प्रवाह होने लगता है.
उम्र के इस दौर में पता है चलता
हॉर्नी होना चूंकि पूरी तरह से सेक्स से जुड़ा हुआ भाव है, उम्र इसमें ख़ास भूमिका अदा करती है. यह अक्सर किशोरावस्था में शुरू होता है जब शरीर में आवश्यक यौनिक बदलाव दिखने शुरू होते हैं.
प्यूबर्टी या किशोरावस्था (Sexual Desire in Puberty) में शरीर अपने अंदर स्त्रावित होने वाले हॉर्मोन से राबता बनाना शुरू करता है. यह नये तरह का बदलाव बदन में बदलाव के साथ-साथ दिमाग पर भी असर डालता है. इसी वजह से इस दौरान कुछ ऐसे अहसास होने शुरू होते हैं जो पहले कभी नहीं हुए थे, यह प्रक्रिया फिर अमूमन जीवन पर्यन्त चलती है.
इन हॉर्मोन की वजह से आती है हॉर्नी फीलिंग
Oxytocin और α-melanocyte दो ऐसे हॉर्मोन हैं जिनके बारे में माना जाता है कि वे यौनेच्छा को जगाते हैं. गौरतलब है कि ऑक्सीटोसिन को लव हॉर्मोन भी कहा जाता है. इसके अतिरिक्त एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरॉन और टेस्टेस्टेरॉन को भी सेक्सुअल अरॉउजल को बढ़ाने वाला माना जाता है. एस्ट्रोजन पुरुषों के लिबिडो को नियंत्रित करता है जबकि प्रोजेस्टेरॉन और टेस्टेस्टेरॉन गर्भाशय में पाए जाने आए स्टेरॉयड्स हैं जो महिलाओं की यौनेच्छा या लिबिडो को रेगुलेट करते हैं.
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क्या Libido और हॉर्नीनेस एक हैं?
लिबिडो दरअसल सेक्स करने की मौलिक इच्छा या बेसिक सेक्स डिजायर है जबकी हॉर्नी होना किसी खास परिस्थिति में पैदा हुई तेज काम भावना है.
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Horny होना किसे कहते हैं? क्यों ऐसा महसूस होता है? जानिए Libido से इसका कनेक्शन