डीएनए हिंदी : पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में चल रही एसएससी स्कैम जांच में अर्पिता मुखर्जी के घर सेक्स टॉयज़ (Sex Toys ) के बरामद होने सरीख़ी कुछ बातें सामने आई थी. आम तौर पर यौन क्रिया में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले इन अलग तरह के खिलौनों को जब भारतीय परिदृश्य में रखा जाता है तो मसला थोड़ा सनसनीखेज हो जाता है. कंगना रानौत की फिल्म क्वीन के एक छोटे से दृश्य में नज़र आए इन खिलौनों को लेकर आम लोगों में सहजता और जानकारी दोनों की कमी है. आइए जानते हैं क्या होते हैं सेक्स टॉय, क्या उनका इस्तेमाल भारत में लीगल है?
Sex Toys और उनका इस्तेमाल
सेक्स टॉयज उन ख़ास तरह के खिलौनों को कहा जाता है जिनका इस्तेमाल सेक्स के दौरान आनंद उठाने के लिए किया जाता है. यह खिलौना ख़ास तौर पर वयस्कों के लिए डिज़ाइन किया जाता है. ये मुख्यतया फोरप्ले में इस्तेमाल किए जाते हैं.
महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग तरह के खिलौने होते हैं. मसलन डिल्डो या वाइब्रेटर महिलाओं के इस्तेमाल में आने वाले सेक्स टॉयज़ होते हैं.
भारत में खुले-आम नहीं बिक सकते हैं ये Adult Toys
भारतीय पीनल कोड के सेक्शन 292 के अनुसार भारत में सेक्स टॉयज़ को खुलेआम नहीं बेचा या ख़रीदा जा सकता है. यह सेक्शन दरअसल किसी भी तरह के अश्लील समाग्री के सार्वजनिक रूप से बिक्री, प्रचार, प्रदर्शनी को बैन करता हैं. इन सामग्रियों में अश्लील चित्र, मूर्ती और किताबें शामिल है. इस वजह से भारत में सेक्स टॉयज को खुले तौर पर बेचने की जगह किसी और रूप में बेचा जाता है. उदाहरण के लिए अधिकतर डिल्डो या वाइब्रेटर कई ऑनलाइन वेबसाइट पर मसाजर केटेगरी में नज़र आते हैं.
गौरतलब है कि इस सेक्स टॉय का यह छद्म बाज़ार भारत में लगातार बड़ा होता जा रहा है. 2020 में भारत की सेक्सुअल वेलनेस इंडस्ट्री टोटल 1.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई थी.
Legally Nude रह सकते हैं इस देश में, माना जाता है हॉट हनीमून डेस्टिनेशन
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
Sex Toys का क्यों किया जाता है इस्तेमाल? क्या इन्हें भारत में बेचना लीगल है?