जब हम किसी रिलेशनशिप में होते हैं तो लड़ाई-झगड़ा भी होता ही है. कई बार ये झगड़ा काफी बुरे स्तर पर पहुंच जाता है. रिश्ता खराब होने या खत्म होने तक की नौबत आ जाती है. ऐसे में ये सोचना जरूरी है कि क्या किया जाए, जिससे कोई भी झगड़ा या लड़ाई इतने बुरे स्तर पर ना पहुंचे. इस सवाल के जवाब में कुछ टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं-
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अगर किसी भी झगड़ के वक्त आपको लग रहा है कि बात हाथ से निकल रही है और ज्यादा ही खराब स्तर पर पहुंचने वाली है तब एक ब्रेक लें. रूम से बाहर चले जाएं. पानी पिएं. किसी दूसरी जगह देखें. बस ये ध्यान रखें कि उस गर्मागर्मी वाले माहौल में आपको अपने दिमाग का एक रेस्ट बटन दबाना है. जब आप ये रेस्ट बटन दबाने या ब्रेक लेने के कुछ देर बाद बात शुरू करते हैं तो आप और आपके पार्टनर दोनों को ही चीजों को नए नजरिए से देखने का समय मिल चुका होता है.
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लड़ाई के दौरान हमेशा बात ये नहीं होनी चाहिए कि उसने क्या किया, ये भी होनी चाहिए कि आपने क्या किया. दोनों तरह की परिस्थिति समझने और बात सुनने के बाद यदि कहीं भी ऐसा लगता है कि आपसे कोई गलती हुई है या आपके पार्टनर को हर्ट हुआ तो तुरंत माफी मांग लें. रिश्तों की गहराई में ऐसा माफियां अक्सर बहुत खूबसूरत मरहम का काम करती हैं. आखिर अपने रिश्ते से तो आप भी प्यार करते हैं ना!!
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किसी दिन आपकी और आपके पार्टनर की लड़ाई हो गई. दोनों में से कोई भी कुछ समझने या सुनने को तैयार नहीं है. ऐसी स्थिति एक दिन के कुछ घंटों से ज्यादा नहीं टिकनी चाहिए. रात में चैन से सोने के लिए जरूरी है कि आप रात से पहले ही अपने बीच के सारे गिले-शिकवे दूर कर लें. कई दिनों तक एक ही बात को लंबा खींचना या मुद्दा बनाना आपके रिश्ते में दूरियां पैदा कर सकता है.
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हर लड़ाई में अपने अहं को आगे लाना जरूरी नहीं होता. ना ही हर लड़ाई तर्कों से जीती जा सकती है. कई बार बात भावनाओं और अहसासों की होती है. ये भी देख लें कि आपकी लड़ाई का मुद्दा क्या है...क्या ये मुद्दा और नाराजगी आपकी एक टाइट वाली झप्पी से दूर नहीं हो सकती!! अगर हो सकती है तो सबसे पहले बिना देर किए ऐसा ही करें.
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ऐसा तो नहीं हो सकता कि किसी कपल में कभी लड़ाई ना हो. अगर लड़ाई नहीं हो रही है तब भी बात चिंता की ही है. लेकिन अगर लड़ाई हो रही है तो उसे बेवजह खींचने की बजाय अपने प्वॉइंट्स क्लियर करें. आप क्या कहना चाहते हैं, किस मुद्दे पर नाराज हैं . अपनी बात कहने के लिए लड़ने से पहले 15-20 मिनट की तैयारी भी करने पड़े तो कोई बुरी बात नहीं होगा. बात बस ये है कि लड़ाई लंबी नहीं खिंचनी चाहिए.