होली की पहली रात को होलिका दहन किया जाता है. इसमें गेंहू का लोंबा भूनकर परिवार को प्रसाद के रूप में दिया जाता है. भारत के कुछ गांवों मे नाश्ता बनाने के लिए गेहूं जैसे अनाज को भून लिया जाता है. इसे 'चबेना' कहा जाता है, इसे अक्सर छोटी-मोटी भूख मिटाने के लिए खाया जाता है. यही नहीं ये बहुत ही औषधिय होता है जो कई बीमारियों को ठीक कर सकता है.

गेहूं का आटा काफी प्रोसेसिंग से आता है. वह अपनी असली ताकत और पोषण खो देता है. लेकिन साबुत गेहूं में सभी पोषक तत्व होते हैं. भूनने से इसे पचाना आसान हो जाता है. यह पेट में बहुत जल्दी घुल जाता है और विटामिन, प्रोटीन और खनिज जारी करना शुरू कर देता है. तो चलिए जाने होलिका में भूने जाने वाले गेहूं के भूने दाने किन-किन बीमारियों में भी फायदेमंद हैं.

कैंसर के खतरे होंगे कम

कोलन कैंसर पाचन तंत्र का सबसे आम कैंसर है. यह आपकी आंतों से लेकर आपके गुदा तक कहीं भी शुरू हो सकता है. इसके कारण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन पबमेड (रेफरी) पर उपलब्ध शोध से पता चलता है कि आहार फाइबर बढ़ाने से इस कैंसर को रोकने में मदद मिल सकती है. साबुत गेहूं फाइबर से भरपूर होता है जो भूनने के बाद आसानी से अवशोषित हो जाता है.

हड्डियां मजबूत होती हैं 

अक्सर देखा जाता है कि कैल्शियम लेने के बाद भी हड्डियों में कमजोरी बनी रहती है. अगर इसके बाद भी हड्डियों में दर्द रहता है तो गेहूं खाएं, इसमें फास्फोरस होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि कैल्शियम के बाद हड्डियां फास्फोरस पर ही टिकी होती हैं.

पाचन में सुधार होगा

पेट दर्द से पीड़ित लोगों के लिए भुने हुए गेहूं का सेवन फायदेमंद होता है. इसमें अघुलनशील फाइबर होता है. यह पाचन और पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है. इसमें प्रोबायोटिक जैसे गुण होते हैं जो स्वस्थ आंत बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं.

पेट कम होगा

गेहूं खाने से पाचन और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है. मेटाबॉलिक रेट बढ़ने से फैट बर्निंग बढ़ती है. व्यायाम करने के बाद अधिक फैट बर्न होगा और शरीर पतला होने लगेगा. वजन घटाने वाले आहार के लिए यह एक बेहतरीन भोजन है.

होली में गेहूं क्यों भूना जाता है?

घर में सुख-समृद्धि की कामना के लिए होलिका दहन में गेहूं की बालियां भी डाली जाती हैं. मान्यता है कि पहली फसल का पहला गेहूं ईश्वर और पूर्वजों को भेंट करने से पूरे साल घर में पूर्वजों के आशीर्वाद से सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है. -होली की अग्नि में गेहूं की 7 बालियों की आहुति दी जाती है.

तो होलिका ही नहीं, आम दिनों में भी गेंहू के दानों को भूनकर खाने का आदत डाल लें.

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(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

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Why wheat roasted in Holika its benefits in cancer to diabetes Bhuna Gehu ko khane ke fayde
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होली में गेहूं क्यों भूना जाता है? कैंसर से लेकर डायबिटीज तक जानिए इसके फायदे
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भुना गेहूं खाने के फायदे
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भुना गेहूं खाने के फायदे

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होली में गेहूं क्यों भूना जाता है? कैंसर से लेकर डायबिटीज तक जानिए इसके फायदे

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