अकसर आप ये सुनते होंगे एक आदमी के मुंह से कि शादीशुदा मर्द ज्यादा दुखी होता है लेकिन असलियत कुछ और है. शादीशुदा मर्द ज्यादा खुशहाल होते हैं एक शादीशुदा महिला की तुलना में. जी हां ये हम नहीं यूके का एक सर्वे बता रहा है. इस सर्वे के मुताबिक अनमैरिड वूमन ज्यादा खुश रहती हैं.
शादी के बाद चाहे लड़का हो या लड़की दोनों के जीवन में बदलाव आता है. लेकिन लड़कियों की जिंदगी और भी जटिल हो जाती है. कई अध्ययनों से पता चला है कि विवाहित पुरुष और सिंगल महिलाएं दूसरों की तुलना में अधिक खुश रहते हैं.
यूके के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) द्वारा किए गए 2019 सर्वेक्षण के अनुसार, विवाहित पुरुष और अविवाहित महिलाएं खुशी का लेवल मैरिड वूमन से ज्यादा होती है. इसके पीछे एक नहीं कई कारण बताए गए हैं कि क्यों मैरिड आदमी और अनमैरिड महिलाएं ज्यादा खुश रहती हैं. आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण.
शादीशुदा पुरुषों की खुशी के पीछे का कारण
भावनात्मक समर्थन और स्थिरता
विवाहित आदमी को अपनी जीवनसाथी से एक मजबूत भावनात्मक समर्थन और स्थिरता मिलती है. पार्टनर के साथ जीवन के सुख-दुख साझा करना इनके लिए बेहतर होता है. ये अकेलापन कम महसूस करते हैं.
बेहतर जीवनयापन
अब अगर पत्नी घर आती है तो पुरुष को उसकी जीवनशैली के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. इसमें खाने-पीने से लेकर पहनने और मर्द का जीवन सुव्यवस्थित करने जैसी चीजें शामिल हैं.
जोखिम भरे व्यवहार से बचें
एक शादीशुदा आदमी को लगता है कि परिवार की ज़िम्मेदारी उस पर है. इसलिए वह जोखिम भरे काम नहीं करता. शराब या धूम्रपान आदि करने से पहले उसे अपने परिवार की चिंता भी रहती है और आदमी इस कारण जिम्मेदार भी बनता है.
आर्थिक तनाव का सामना नहीं करना पड़ता
यदि विवाह के बाद दोनों कमाने वाले हों तो आर्थिक स्थिरता अधिक होती है. इससे भविष्य के लिए योजना बनाना और आरामदायक जीवन जीना आसान हो जाता है. इतना ही नहीं, पत्नी इस बात का भी ख्याल रखती है कि पैसे कैसे बचाए जाएं.
फिजिकल नीड्स पूरी होना
विवाह के बाद एक पुरुष की फिजिकल नीड्स बिना किसी दिक्कत के पूरी होती रहती हैं. प्यार और भावनात्मक लगाव के साथ मेल का मेंटल हेल्थ भी बेहतर होती है.
अविवाहित महिलाओं की ख़ुशी का कारण
स्वतंत्र और आत्मनिर्भर
एकल महिलाएं स्वतंत्र और आत्मनिर्भर जीवन जीती हैं. वे अपने मन के अनुसार कार्य करते हैं, निर्णय लेते हैं. आपको किसी की बात सुनने की जरूरत नहीं है. उन्हें किसी भी चीज़ से समझौता नहीं करना पड़ता. तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है.
कैरियर और व्यक्तिगत विकास
पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के बिना, एकल महिलाएँ अपने करियर और व्यक्तिगत विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकती हैं. अपने सपनों को पूरा करना और अपने लिए समय निकालना उन्हें संतुष्टि देता है.
मजबूत सामाजिक संबंध
अकेली महिलाएं अपने दोस्तों और परिवार के साथ गहरे और मजबूत रिश्ते विकसित करती हैं. ये रिश्ते उन्हें भावनात्मक सहारा और ख़ुशी प्रदान करते हैं.
जिम्मेदारी रहित लाइफ
शादी और बच्चों की ज़िम्मेदारियों से मुक्त होने से महिलाओं को अपने जीवन का आनंद लेने और खुद पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलता है. इतना ही नहीं, उन्हें ज्यादा घरेलू काम भी नहीं करना पड़ता. परिवार की परवाह नहीं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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शादीशुदा आदमी और सिंगल औरत रहते हैं सबसे ज्यादा खुश, वजह जानिए क्यों?