देश के सबसे परोपकारी उद्योगपति और बड़े-बड़े लोगों के प्रेरणास्त्रोत रतन टाटा ने आखिरकार अपना शरीर छोड़ कर न केवल भारत बल्कि दुनिया को चौंका दिया . रतन टाटा इस युग के सबसे बड़े बिजनेसमैन और उद्योगपति के रूप में जाने जाते हैं . 1990 से 2012 तक टाटा उद्योग समूह के अध्यक्ष के रूप में उनके काम ने इतिहास रच दिया . हम रतन टाटा को एक उद्यमी के रूप में जानते हैं लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि वह एक फिटनेस उत्साही थे . उन्होंने इंडस्ट्री में जितनी सफलता हासिल की, उतनी ही वह अपनी फिटनेस और डाइट को लेकर भी सजग रहे . उनकी स्वस्थ आदतें और फिटनेस दिनचर्या आज भी कई लोगों को स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रेरित करती हैं .
रतन टाटा अपनी जीवनशैली में फिटनेस और स्वस्थ आहार को बहुत महत्व देते थे . उन्होंने हमेशा संतुलित आहार और व्यायाम का पालन किया, जिससे वह 90 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर भी सक्रिय और फिट बने रहे . उनकी ये अच्छी आदतें हमें अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए प्रेरित करती हैं . आज की युवा पीढ़ी को रतन टाटा जैसी महान शख्सियतों की आदतों से बहुत कुछ सीखने को है . आइए अब देखते हैं कि फिटनेस के लिए 86 साल के रतन टाटा की डाइट और दिनचर्या कैसी थी?
फिटनेस रूटीन: सुबह की शुरुआत
रतन टाटा सुबह जल्दी शुरू करते थे . वह रोज सुबह जल्दी उठ जाते थे और उनकी टाटा ग्रुप की बैठकें भी सुबह 6 बजे शुरू होती थीं . सुबह जल्दी उठना और पूरे दिन सक्रिय रहना उनकी पहली आदत थी .
सुबह की सैर और योग
रतन टाटा सुबह की सैर और योगाभ्यास करना कभी नहीं भूलते थे . सूर्यनमस्कार उनकी फिटनेस का अहम हिस्सा था . उन्होंने कहा कि आज के युग में भी यह बहुत जरूरी है क्योंकि योग से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है .
रतन टाटा का पारसी आहार
रतन टाटा कई इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा कर चुके हैं कि उन्हें अपनी बहन के हाथ के बने पारसी व्यंजन बहुत पसंद हैं. जो सेहत और स्वाद दोनों से भरपूर हैं. रतन टाटा का आहार सादा और पौष्टिक था . उनके आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल थे जो शरीर के लिए स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर थे .
नाश्ते के लिए पसंदीदा अकुरी
अकुरी एक पारसी व्यंजन है जो अंडे की भुर्जी जैसा दिखता है . रतन टाटा को नाश्ते में अकुरी खाना बहुत पसंद था . इसके अलावा वह नाश्ते में उबला अंडा, सूखे मेवे (जैसे अखरोट, काजू) और ताजे फलों का जूस लेना पसंद करते हैं . उनके नाश्ते का भोजन उन्हें पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखता था .
दोपहर के भोजन के लिए पसंदीदा दाल
रतन टाटा को मसूर दाल खाना बहुत पसंद था. यह दाल पचाने में आसान और पोषक तत्वों से भरपूर होती है. दोपहर के भोजन में वे घर का बना सादा और पौष्टिक भोजन लेते हैं . वे लहसुन क्रैकर्स के साथ दाल, चपाती और कभी-कभी कुछ चावल खाना पसंद करते हैं . इसके अलावा, उनका भोजन स्वस्थ सलाद से भरा हुआ था .
शाम का नाश्ता:
रतन टाटा को शाम के समय ताजे और मौसमी फलों का आनंद लेना पसंद था . साथ में हल्का नाश्ता या कस्टर्ड भी ले जाते थे. ये फल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, क्योंकि इनमें प्राकृतिक विटामिन और खनिज होते हैं .
रात का खाना:
रात के खाने में रतन टाटा हल्का खाना खाते हैं . उन्हें सब्जियों का सूप पीना पसंद था, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती थी . कभी-कभी उन्हें मटर पुलाव खाना भी पसंद होता है. रतन टाटा की फिटनेस और आहार दिनचर्या न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक शांति के लिए भी महत्वपूर्ण थी . आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में फिट रहने और तनाव कम करने के लिए टाटा की ये आदतें बेहद प्रेरणादायक हैं . अगर हम भी इन आदतों को अपने जीवन में अपना लें तो निश्चित रूप से हम लंबी और स्वस्थ जीवनशैली पा सकते हैं .
ध्यान और चिंतन
उसके बाद रतन टाटा प्रतिदिन 30 मिनट तक ध्यान करते थे, जिससे उनके मन को शांति मिलती थी . आज की तनावपूर्ण जीवनशैली में मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ध्यान एक बेहतरीन आदत बन गई है .
ब्रीथिंग एक्सरसाइज
वह फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से सांस लेने के व्यायाम करते थे . ब्रीदिंग एक्सरसाइज से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है और श्वसन तंत्र मजबूत होता है .
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
वे शारीरिक गतिविधि बनाए रखने और मांसपेशियों को आराम देने के लिए हल्की स्ट्रेचिंग करेंगे . ऐसा इसलिए क्योंकि स्ट्रेचिंग से शरीर का लचीलापन बढ़ता है और हड्डियां मजबूत रहती हैं .
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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ये 2 चीजें खाकर रतन टाटा ने 86 साल तक जीए थे, रोज सुबह करते थे 30 मिनट ये काम