Flour Alternatives For Weight Loss: बदलती जीवनशैली के कारण अक्सर स्वास्थ्य पर इसका असर देखने को मिलता है और कुछ गलत खानपान की आदतें और फिजिकल एक्टिविटी का न होना शरीर पर बुरा असर डालती हैं. जिससे वेट का बढ़ना शुरू हो जाता है और वेट बढ़ने से कोलेस्ट्रॉल से लेकर डायबिटीज तक का खतरा भी बढ़ जाता है.
अक्सर, वजन कम करने या इसे नियंत्रण में रखने के लिए कार्ब्स को डाइट से हटाने की सलाह दी जाती है. लेकिन,कार्ब का विकल्प क्या हो ये लोगों को नहीं पता होता. लोगों को लगता है कि रोटी-चावल बंद होने के बाद वह कैसे लंबे समय तक रह सकते हैं, लेकिन यहां आपको गेहूं की रोटी की जगह ऐसे आटे की रोटियों के बारे में बताएंगे जो टेस्टी और पेट भरने में किसी भी मामले में गेहूं से कम नहीं हैं.
आटा वास्तव में कैसे काम करता है?
रोटी या ब्रेड बनाने के लिए आप जिस आटे का उपयोग करते हैं उसका शरीर की वसा पर प्रभाव पड़ता है. आमतौर पर कई घरों में रोटी के लिए गेहूं के आटे का उपयोग किया जाता है. लेकिन, वजन घटाने के लिए यह बहुत उपयोगी नहीं है. ऐसे मामलों में निम्नलिखित विकल्प आपकी मदद कर सकते हैं.
अलसी का आटा
अलसी के आटे में फाइबर की मात्रा अधिक होती है. जिसके कारण अलसी की रोटी लंबे समय तक पेट भरे होने का एहसास कराती है. अलसी में बीटा-ग्लूकन मौजूद होने के कारण यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.
बेसन
बेसन या बेसन प्रोटीन से भरपूर होता है. इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और वजन घटाने में मदद मिलती है. कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण बेसन का सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है. विभिन्न सब्जियों और मसालों को मिलाकर बनाया गया बेसन शरीर को भरपूर पोषण प्रदान करता है. बेसन मिर्च पोली का एक बढ़िया विकल्प है.
चने का आटा
चने का आटा या चने का आटा भी शरीर के लिए अच्छा होता है. चने का चीला चपाती की जगह लेता है और शरीर को कई पोषक तत्व प्रदान करता है. स्वाद के लिए आप बेसन में बेसन भी मिला सकते हैं या फिर बेसन और बेसन को बराबर मात्रा में लेकर चीला या डोसा बना सकते हैं.
बाजरे का आटा
बाजरी में मैग्नीशियम और फास्फोरस भरपूर मात्रा में होता है जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखता है. पोषण विशेषज्ञों का मानना है कि बाजरे के घटक शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल या वसा को कम करने में योगदान करते हैं. इसलिए विकल्प के तौर पर बाजरे के आटे की थालीपीठ या ढपटे चपाती खाने की सलाह दी जाती है. इनमें बाजरे की रोटी सर्वोत्तम है.
ज्वार और मक्के का आटा
ज्वार के आटे में रेशेदार घटकों के साथ-साथ उच्च मात्रा में प्रोटीन भी होता है. जिससे पेट भरा रहता है. चूँकि ज्वारी ग्लूटेन मुक्त है, ज्वारी भाकरी, थालीपीठ या घावन उन लोगों के लिए बढ़िया विकल्प हैं जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी है.
आप उपरोक्त आटे का उपयोग करके चीला, डोसा, ढोकला या पैनकेक भी बना सकते हैं. ये खाद्य पदार्थ पेट भरने के साथ-साथ शरीर की पूर्ति भी करेंगे.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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